शिवपुरी। शिवपुरी के प्रसिद्ध इनकम टैक्स के वकील राहुल गंगवाल पर इनकम टैक्स के रिटर्न में हेरा फेरा करने का आरोप शहर के एक व्यवसायी ने लगाए है। व्यवसाय का आरोप है कि टैक्स भरने के लाखों रुपए दिए थे लेकिन वकील गंगवाल ने 1317 रुपए टैक्स के रूप में भरे है। इस बात का जब खुलासा हुआ जब व्यापारी के पास इनकम टैक्स आफिस से नोटिस आया।
बताया जा रहा है कि अशोक नगर इनकम टैक्स आफिस से शहर के 150 व्यापारियो को नोटिस जारी हुए है सभी गंगवाल एसोसिएट के क्लाइट है और सभी का प्रकरण कुछ इसी प्रकार है। जानकारों की माने तो लगभग 9 करोड़ की हेराफेरी होने का अनुमान है। इस प्रकरण में एडवोकेट विजय तिवारी ने व्यापारी के हवाले से प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त को पत्र भिजवाकर आरोपी वकील के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने और पूरी राशि की वसूली करने की मांग की है।
यह है मामला
पेट्रोल पंप व्यवसायी आशीष सांखला के हवाले से एडवोकेट विजय तिवारी ने प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त को यह पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि सांखला ने वर्ष 2013-14 में 2.50 लाख रुपए, वर्ष 2014-15 में 5 लाख रुपए एवं 940317 रुपए (कुल 14 लाख 40 हजार 317 रुपए) इनकम टैक्स गंगवाल एसोसिएट्स को दिए थे। इसके बदले में गंगवाल एसोसिएट्स के वकील राहुल गंगवाल ने महज 1317 रुपए दिनांक 31 मार्च 2015 में चालान क्रमांक 24827 से जमा करवाए। इस प्रकार राहुल गंगवाल ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर आयकर विभाग व उपभोक्ता आशीष सांखला के साथ 14.39 लाख रुपए की शासकीय धनराशि का गबन किया है। इसलिए सांखला के प्रकरण को आधार बनाकर गंगवाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 में मामला दर्ज किया जाए।
मैन्युअली प्रिंट के ऑप्शन का दुरुपयोग : आयकर विभाग ने वर्ष 2011 में ऑनलाइन आयकर रिटर्न ई-फाइलिंग सुविधा शुरू की थी, जिसमें चालान मैन्युअली प्रिंट करने का ऑप्शन है। उक्त मैन्युअली प्रिंट करने के ऑप्शन का कर सलाहकार राहुल गंगवाल ने अपने अवैध हितलाभ के लिए दुरुपयोग किया। आशीष सांखला को इसका पता तब लगा, जब आयकर विभाग ने उन्हें 16 लाख 52 हजार 320 रुपए का आयकर बकाया होने का नोटिस भेजा। शहर के 150 व्यापारियों के साथ 9 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी का यह कृत्य धारा 420, 409, 467, 468, 471 आईपीसी की श्रेणी में आता है।
इनका कहना है
हमारे पास जो लोग आ रहे हैं, हम उनके मामले निपटा रहे हैं। इनकम टैक्स कम जमा होने या जमा न होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। हम उनका ही पता करके मामले सुलझा रहे हैं। 8-10 दिन में सभी मामले निपटा लेंगे तथा आशीष सांखला को भी मैंने समझा दिया है।
राहुल गंगवाल, आयकर सलाहकार, शिवपुरी