SHIVPURI NEWS- शिवपुरी जिले में संघ के खुफिया सर्वे में खतरा:एक सीट को छोड़कर सभी सीटों पर संकट के बादल, पढिए एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

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एक्सरे @ ललित मुदगल शिवपुरी।
भाजपा के लिए इस सत्ता पर काबिज रहना मुश्किल ही नही नामुमकिन लग रहा है। भाजपा का टारगेट 200 के पार लेकिन 100 पर जीतकर आने के लाले पड रहे है,यह हम नहीं कर रहे है दैनिक समाचार पत्रों मे प्रकाशित संघ की सर्वे की रिपोर्ट इस ओर इशारा कर रही है। प्रदेश में 160 सीटों पर हार का संकट है। अगर ऐसा है तो भाजपा की सत्ता से विदाई तय माना जा रही है। इस सर्वे में शिवपुरी जिले की पांचों विधानसभाओं का उल्लेख है। चार का नाम प्रकाशित है एक का नहीं है। आइए इस सर्वे का एक्सरे करते है।

भाजपा प्रदेश की जनता से 51 प्रतिशत मत प्राप्त कर 200 का जादुई आंकड़ा छूने का प्लान बनाया है। लेकिन हकीकत में सत्ता पर काबिज रहने का आंकड़ा पर बने रहना भी मुश्किल हो रहा है। इसका खुलासा सत्ता और संगठन को संघ ने अपना सर्वे सौंपा है। इस सर्वे के अनुसार 160 सीटों पर सत्ता और संगठन दोनो को काम करने का कहा है यहां भाजपा की स्थिति बहुत कमजोर है। इस सर्वे में यह भी बताया कि पिछले चुनाव मे जीती गई 127 सीटों में भाजपा केवल 70 सीटों पर ही चुनाव जीतने की स्थिति है,इस 70 सीटों की लिस्ट में शिवपुरी विधानसभा का नाम है।

शिवपुरी जिले की पांच विधानसभा सीट में BJP का शिवपुरी,पोहरी और कोलारस पर कब्जा है करैरा और पिछोर पर कांग्रेस का कब्जा है। सर्वे में आया है कि कोलारस सीट भाजपा के लिए खतरा मंडरा रहा है। हालांकि कोलारस के विधायक वीरेंद्र रघुवंशी भाजपा के सक्रिय विधायक है,लोकप्रिय भी है एक्टिव विधायकों में उनकी गिनती होती है,फिर भी उनकी सीट पर खतरा संघ ने बताया है। वीरेन्द्र रघुवंशी पर उनके विरोधी लगातार हमले करते रहते है ओर सबसे ज्यादा हमले सोशल पर भाजपा के लोग ही सोशल पर हमले करते है। अब दो तरह की भाजपा जिले मे काम कर रही है एक वह जो मूल भाजपा है दूसरी कनवर्ड भाजपा है। रघुवंशी पर मूल भाजपाई लगातार सोशल से हमले करते रहते है। जिले की कोलारस विधानसभा एक ऐसी विधानसभा है जहां जिले में सोशल पर सबसे ज्यादा नेता वोटर सक्रिय रहते है। कोलारस विधानसभा मेे आगे क्या होता है यह तो समय ही बताएगा फिलहाल संघ कोलारस सीट को खतरे में बता रहा है।

सर्वे में उपचुनाव वाली सीट पोहरी खतरे में
अब बात करते है पोहरी की संघ ने अपने सर्वे में बताया कि उपचुनाव में विजयी रहने वाली सीटी में पोहरी पर खतरा है। पोहरी से सुरेश राठखेडा विधायक है और मप्र शासन के राज्य मंत्री भी है। पोहरी एक जातिगत विधानसभा है। यहां दो जातियां सबसे अधिक मतदाता को रूप मे दर्ज है एक धाकड़ समाज दूसरी आदिवासी समाज,आदिवासी समाज में यहां कोई नेता नहीं है। इसलिए ब्राहम्मण समाज मतदाता संख्या में अधिक न होकर राजनीति में मजबूत पकड़ बनाए हुए है। अब बात करते है पोहरी विधायक सुरेश राठखेड़ा के परिवार पर लगातार आरोप लगते रहते है और समाचारों की सुर्खियां बनती रहती है। अब उनकी जाति धाकड़ समाज भी लगातार सुरेश राठखेडा का विरोध कर रहा है। गांव गांव से विरोध के स्वर फूट रहे है। अगर सरल और सीधे शब्दों में लिखे तो सुरेश राठखेडा अपनी जाति धाकड़ समाज की छाती पर पैर रख कर विधायक बने थे अब वह उनके साथ नहीं है। इसलिए शायद संघ के सर्वे की रिपोर्ट मे सीट भाजपा के लिए खतरे का कारण हो सकती है।

अब बात करे पिछोर विधानसभा की पिछोर विधानसभा पर पिछले 5 विधानसभा चुनाव में जीत का स्वाद रखने के लिए संघर्ष कर है। यह लोधी मतदाताओं की संख्या अधिक है फिर भी पिछोर विधानसभा में प्रीतम लोधी दो बार से विधानसभा चुनाव पिछोर से हार रहे है। इस बार भी विधानसभा चुनाव लड सकते है,प्रीतम लोधी भाजपा के ऐसे प्रत्याशी है जिन्होंने कांग्रेस विधायक केपी सिंह की जीत का अंतर को बहुत कम किया है। लोधी मतदाताओं की संख्या अधिक होने के कारण यहां लोधी प्रत्याशी की हार होना इस बात का प्रतीक है कि केपी सिंह के सभी जातियों पर सीधी पकड़ है और सीधा संपर्क है। इसलिए वह चुनाव में विजयी होते है। इस बार प्रीतम लोधी का ब्राह्मण विरोधी बयान दिया था कथा वाचको के खिलाफ एक मंच से बोल गए।

पूरे प्रदेश की राजनीति में उबाल आ गया था इस कारण भाजपा ने उनका त्याग कर दिया था लेकिन पिछोर में भाजपा के पास उनका विकल्प नहीं था इस कारण प्रीतम लोधी की वापसी हो गई। करैरा विधानसभा सीट को सर्वे की संकट में बताया है,यह वर्तमान में उपचुनाव में भाजपा की हार हुई थी। यहां कमजोरी की स्थिति स्वयं भाजपा है। इससे पूर्व आम विधानसभा में भाजपा की हार हुई थी कारण स्पष्ट था कि सीट पर टिकट को लेकर मतभेद था इस कारण भाजपा के नेता ही दूसरी पार्टी से चुनाव लड़ा था इस बार करैरा विधानसभा में भाजपा की ओर से पिछली बार से अधिक टिकट के दावेदार है और कोई भी बागी होकर चुनाव लड सकता है इस कारण इस सीट को संकट की लिस्ट मे डाला गया है।