बदरवास। बदरवास तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम रांची और सेमरी गांव में विद्युत मंडल के अधिकारियों द्वारा गरीब किसानों के फार्म हाउसों पर ट्रांसफार्म लगवाए थे। जिनके बिल जमा नहीं हुए हैं ऐसी स्थिति में रातों रात एमपीईवी के अधिकारियों की मिली भगत से स्थानीय विद्युत विभाग के प्राइवेट ठेकेदार के माध्यम से ट्रांसफार्मरों को उतारा जा रहा है और उन्हें अपने उन्हें गायब करने का खुला खेल चल रहा हैं। जिसकी जानकारी बदरवास विद्युत मंडल के अधिकारियों को जानकारी होने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।
जानकारी के अनुसार विद्युत विभाग में कर्मचारियों के द्वारा लगभग तीन से चार ट्रांसफॉर्मर को बेचने की खबर सूत्रों से मिली हैं। यहां बताना होगा कि बदरवास विद्युत वितरण केन्द्र के अंतर्गत आने वाले गांवों में किसानों के अपने फार्म हाउसों पर डीपी लगवाई थी लेकिन समय पर बिजली का बिल जमा नहीं कर पाने की स्थिति में उनके ट्रांसफार्मरों को उतार लिया गया। लेकिन अब वह ट्रांसफार्मर कहां गए इनकी किसी के पास कोई जानकारी नहीं है।
इसी तरह अभी हाल ही में लुकवासा क्षेत्र में भी इसी तरह की घटना कारित हो चुकी हैं। जिसमें एक एमपीईबी के जेई सहित दो अन्य अधिकारियों को निलंबित भी किया गया। निलंबन के बाद कर्मचारियों के द्वारा उन्ही ट्रांसफार्मर उनको रातों रात किसी को बेच दिया गया है सूत्रों से मिली खबर के अनुसार ठेकेदार के घर पर उन्हीं ट्रांसफार्मरों को रात में रख दिया गया था लेकिन बाद में जब मामले का खुलासा हुआ तो दूध का दूध पानी का पानी सामने आ गया।
कल्याण यादव ठेकेदार के यहां यह जो ट्रांसफार्मर रखे गए थे उसका कहना है की बिजली विभाग के कर्मचारी रामकुमार शर्मा और अन्य लोगों द्वारा यह जो ट्रांसफार्मर रखे गए थे दूसरे दिन वहीं लोग रात में उन्हीं ट्रांसफार्मरों को उठाकर कहां ले गए मुझे पता नहीं है मेरे से इस संबंध में जब गोदाम पर आकर एई कोलारस अशोक मंगल एवं प्रभारी जेई पवन कुशवाह द्वारा मुझसे से पूछताछ गया कि यह ट्रांसफार्मर बिजली विभाग के कर्मचारी रामकुमार शर्मा के साथ आए थे वही लोग रख कर गए हैं दोनों अधिकारियों द्वारा मेरे कथन लेकर एवं पंचनामा तैयार कर तथा हस्ताक्षर करा कर मुझ से ले गए हैं।
एनवारा के ग्रामीण द्वारा के बताया की हमारे गांव का 200 केवी का ट्रांसफार्मर पर अधिक बकाया राशि होने के कारण उसे उठा लिया गया था लेकिन वह ट्रांसफार्मर विद्युत मंडल ऑफिस पर आज तक नहीं मिला है। एक-एक ट्रांसफार्मर रांची गांव का बिजली विभाग वाले उठाकर लाए थे लेकिन कर्मचारी द्वारा उसे भी बेच दिया गया।