बैराड़। पोहरी विधानसभा की बैराड़ नगर परिषद की आबादी 30 हजार से अधिक है वही बैराड से लगे लगभग 30 गांव में रहने वाली आबादी के पास एक भी कॉलेज नहीं है। इसलिए भाजपा ने बैराड में महाविद्यालय खोलने की मांग की थी,लेकिन इस घोषणा को 5 साल से अधिक निकल गए,और कॉलेज बनाने के लिए जमीन भी आरक्षित कर दी थी,लेकिन घोषणा के बाद भाजपा अपने वार्द को भूल गई और उधर इस कॉलेज निर्माण के लिए प्रस्तावित जमीन को भूमाफिया निगल गए। अब यह मुद्दा आने वाले विधानसभा चुनावों में सिर में दर्द पैदा कर सकती है। पोहरी के जनप्रतिनिधियों ने इस घोषणा के बाद कॉलेज को धरातल पर लाने की पहल नहीं की ।
बैराड क्षेत्र में 10वीं और 12वीं के बाद छात्रों के लिए महाविद्यालयीन शिक्षा उपलब्ध नहीं है जिस कारण छात्र.छात्राएं परेशान हैं। क्योंकि कई छात्रों की पढ़ाई महाविद्यालय ना होने से 12वीं के बाद रह जाती है और कई अर्थ अभाव के कारण बाहर नहीं जा पाते। ऐसे में बैराड़ में महाविद्यालय न होने से परेशानी बढ़ गई है।
छात्र रवि जाटव, महेंद्र रावत ने बताया कि नगर परिषद बैराड़ में लोकसभा, विधानसभा चुनाव में प्रदेश के मुख्यमंत्री और अन्य बड़े नेताओं द्वारा बैराड़ में महाविद्यालय खोले जाने की घोषणा की थी जो अभी तक अधर में लटकी है।जिस कारण बैराड़ तहसील के छात्र छात्राओं को अन्य शहरों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए लाखों खर्च करने के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करने शिवपुरी, ग्वालियर या अन्य बड़े महानगरों में जाना पड़ता है।
जिस कारण उन्हें धन समय की बर्बादी करनी पड़ती है। छात्रों का कहना है कि महाविद्यालय के लिए सर्वे नंबर 571 में 5 वर्ष पूर्व घोषित शासकीय जमीन को जमीन कारोबारी निगल गए। यदि महाविद्यालय की घोषणा के समय जमीन पर भवन बनना प्रारंभ हो जाता तो महाविद्यालय की जमीन पर अतिक्रमण नहीं हो पाते।
बैराड़ तहसील में महाविद्यालय खोले जाने की 5 वर्ष पूर्व चुनाव के समय में की गई घोषणा आज तक अधूरी है। जबकि पुनः चुनाव आने वाले हैं। महाविद्यालय की घोषणा अधूरी रहने से छात्र छात्राओं में रोष व्याप्त है, जिसका असर आगामी चुनाव में पड़ सकता है।