शिवपुरी। शिवपुरी शहर की फिजिकल क्षेत्र में हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी मे निवास करने वाले लॉ स्टूडेंट ने एसपी शिवपुरी को एक शिकायती आवेदन सौंपा है। इस शिकायती आवेदन में स्टूडेंट ने फिजिकल थाने में पदस्थ आरक्षक अंजीत तिवारी पर आरोप लगाए है। स्टूडेंट का कहना है कि आरक्षक ने मेरे पर इतने झूठे मुकदमे दर्ज करा दिए जिससे मेरा करियर ही चौपट हो गया,आरक्षक लगातार मेरे से पैसो की डिमांड कर रहा है।
इसी शिकायत आवेदन के अनुसार अंजीत तिवारी द्वारा अपनी भतीजी से मिलकर मेरे विरुद्ध 4 झूठे प्रकरण पंजीबद्ध करा दिये है जिनके विवेचक स्वंय प्रधान आरक्षक अंजीत तिवारी है,अंजीत तिवारी द्वारा मुझे रास्ते में रोककर प्रताड़ित करता है। मेरे उपर चार मामले दर्ज करा चुका है। अब लगातार मेरे से पैसों की डिमांड की जाती है।
विक्रम सिंह पुत्र स्वo मगन आदिवासी निवासी हाउसिंग बोर्ड कालोनी ने मीडिया को बताया कि फिजिकल थाने में पदस्थ आरक्षक अंजीत तिवारी की भतीजी के पति से मेरा लेन देन चलता था वह मेरे से पैसे उधार लेता रहता था जो तीन चार तक चला,उससे मेरे परिवारिक रिलेशन थे।
एक बार उसने मुझसे पैसे लिए और नहीं दिए तो मैने मांगे तो अंजीत तिवारी और उसकी भतीजी साथ मे पति ने षड्यंत्र रचते हए उन पैसों की डिमांड की जाने लगी जो इन्होने मेरे से उधार के रूप में लिए थे और वापस किए थे। कुल मिलाकर वह लाख रुपए से अधिक का लेनदेन था।
मेरे खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया और उसके विवेचक अंजित तिवारी ही था। मेरे पर झूठा मामला दर्ज कर मेरे से पैसे की डिमांड करना इन्होने जारी रखी। उसके बाद फिर उन्होंने मेरे उपर एक और मामला 386 का दर्ज करा दिया इस मामले में बताया कि मैंने अजिंत की भतीजी से पैसा की डिमांड की ओर नहीं देने पर उसके बेटे को जान से मारने की धमकी दी।
अंजित की भतीजी के यहां कोई बेटा नहीं है मैंने यह सभी दस्तावेज प्रस्तुत किए है। मेरे ऊपर लगातार चार मामले फिजीकल थाने में दर्ज करा दिए गए है। आवेदक ने बताया कि मेरे पिताजी के देहांत के बाद मेरी मां की जांब शिवपुरी लगी जिससे में यह रहकर पढाई कर रहा है और कोर्ट में अभी प्रैक्टिस कर रहा हू।
समय समय पर में पुलिस अधीक्षक महोदय को आवेदन दे रहा हूं की फिजिकल थाने में पदस्थ अंजीत तिवारी के द्वारा मेरे से 7 लाख रुपए की लगातार मांग की जा रही हैं,यह कभी भी कही भी मेरी मारपीट कर देता है। मेरे उपर चार मामले दर्ज कर दिए है जिसमें 2 मामलो में भतीजी फरियादी है और एक मामले में अंजीत की भतीजी का पति है और एक मामले में मेरा पडौसी है। इस प्रकार के झूठे मामले से करियर खत्म हो गया है। अब मैंने पुलिस अधीक्षक महोदय से निवेदन किया है,कि आरक्षक अंजित तिवारी को फिजिकल थाने से हटाया जाए और इन सभी प्रकरणों की सक्षम अधिकारी से जांच कराई जाए।