Shivpuri News- टाइगर की हुई 50: अभी तक कॉरिडोर वाले गांव खाली नही -प्रबधंन सर्वे में उलझा

Bhopal Samachar
शिवपुरी। माधव नेशनल पार्क शिवपुरी की पश्चिम और उत्तर रेंज में कॉरिडोर बनाने के लिए 5 गांवों की जमीन अधिग्रहित की गई थी,लेकिन पार्क प्रबंधन की सुस्ती के कारण यह गांव भी आबाद है इन गांवों के लोगों को मुआवजा नहीं दिया इस कारण गांव खाली नहीं हुआ है। अधिग्रहण किए गए पांच गांवों में से तीन गांव अभी भी आबाद है।

माधव नेशनल पार्क शिवपुरी में 10 मार्च को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा नर व मादा सहित दो टाइगर लाकर बाड़े में छोड़े गए थे। पन्ना से दूसरी टाइगर को बाद में लाए थे। नवरात्रि से पहले ही टाइगर को बाड़े से खुली रेंज में छोड़ दिया गया। जबकि टाइगर लाने से पहले कॉरिडोर वाले हिस्से को खाली कराना था। लेकिन वंचित परिवारों को मुआवजा देने में लगातार देरी होती चली गई।

टाइगर आए हुए 29 अप्रैल को पूरे 50 दिन हो गए हैं। फिर भी संबंधित परिवारों को सर्वे करके मुआवजा वितरण की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी है। मुआवजा नहीं मिलने से संबंधित गांवों के ग्रामीण दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं।

कॉरिडोर हिस्से से टाइगर 4 से 6 किमी दूरी पर मौजूद

नेशनल पार्क की उत्तर रेंज में तीनों टाइगर को लाकर पहले बाड़े में रखा गया। ओपन रेंज में छोड़ने के बाद टाइगर उसी हिस्से में मौजूद हैं। सुरक्षा के लिए पार्क स्टाफ द्वारा टाइगर ट्रेकिंग की जा रही है। कॉरिडोर हिस्से से टाइगर 4 से 5 किमी की दूरी पर मौजूद हैं।

ऐसे में कॉरिडोर वाले हिस्से में तीन गांव लखनगवां, डोंगर और मामोनी गांव में परिवार अभी भी रह रहे हैं। ऐसे में टाइगर का कॉरिडोर में आने के आसार कम हैं। यदि गांव खाली हो जाएं तो टाइगर कॉरिडोर हिस्से में आसानी से आ सकेंगे। बता दें कि प्रति वयस्क सदस्य को 15 लाख रु. मुआवजा मिलना है।

मामोनी गांव के पास चैन फेंसिंग भी पूरी नहीं हो पाई

मामौनी गांव की तरफ से चैन फेसिंग कराई है, लेकिन गांव में परिवार रहने से चैन फेंसिंग रास्ते वाले हिस्से से छूटी हुई है। यदि चैन फेंसिंग पूरी करते हैं तो ग्रामीणों का रास्ता बंद हो जाएगा। यदि मुआवजा समय रहते मिल जाए तो चैन फेंसिंग का काम भी पूरा हो जाएगा।

चीता वन भी इसी कॉरिडोर हिस्से से पार्क के अंदर तक पहुंचा

कूनो नेशनल पार्क से चीता पवन शिवपुरी नेशनल पार्क के कॉरिडोर हिस्से से होकर अंदर आया था। उसी के लिहाज से पांच गांवों की जमीन अधिग्रहित हुई है। कॉरिडोर हिस्से के तीनों गांव खाली हो जाएं तो पार्क के दूसरी जानवर भी इस हिस्से में आ सकेंगे। इस साल बरसात में घास के मैदान के रूप में कॉरिडोर नजर आएगा जिससे शाकाहारी जानवर ज्यादा आकर्षित होंगे, ऐसे में टाइगर भी शिकार के लिए आ सकेंगे।

संयुक्त टीम कर रही सर्वे
संयुक्त टीम द्वारा सर्वे कराया गया है, जो लगभग कंप्लीट हो चला है। संबंधित परिवारों काे मुआवजा देने से पहले जल्द ही विज्ञप्ति प्रकाशित कराएंगे, ताकि दावे-आपत्तियां लेकर निराकरण कर सकें। मुआवजा वितरण की प्रक्रिया जल्द प्रारंभ करेंगे।
अंकुर रवि गुप्ता, एसडीएम, अनुविभाग शिवपुरी