शिवपुरी। शहर के आदर्श नगर स्थित कन्या हायर सेकंडरी स्कूल की बदहाली और 1941 अध्ययनरत छात्राओं की तुलना में संसाधनों के अभाव को दूर करने की पहल करीब पांच महीने पहले शुरू की थी। तीन बार नपाध्यक्ष व शिक्षा विभाग के ब्लॉक स्तरीय अधिकारी यहां संभावनाएं भी तलाश आए, लेकिन धरातल पर नतीजा सिफर रहा।
सोमवार को शिवपुरी पहुंचीं मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने अपनी चिरपरिचित शैली में जब इस स्कूल की सूरत बदलने की दिशा में हुए प्रयासों को लेकर मौजूद अधिकारियों से सवाल किया तो जवाब से वे संतुष्ट नहीं हुई। उन्होंने तत्काल इस स्कूल को संवारने के लिए सार्थक प्रयास के निर्देश दिए। अगले ही दिन इसका नतीजा भी देखने को मिल गया और दोपहर में नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा व डीईओ समर सिंह राठौर के साथ नपा व शिक्षा विभाग का प्रशासकीय व तकनीकी अमला स्कूल जा पहुंचा और इसे संवारने की संभावनाओं के बजट को आनन.फानन में कागजों पर उकेरना शुरू कर दिया।
करीब तीन घंटे की मैराथन मशक्कत के बाद स्कूल के जर्जर भवनों के जीर्णोद्धार के लिए करीब 15 लाख रुपये तो प्राथमिक चरण में सात अतिरिक्त कक्षों के लिए करीब 50 लाख रुपये के एस्टीमेट को फाइनल टच दे दिया गया। इसका प्रस्ताव भी नए सिरे से प्राचार्य व विभागीय अधिकारियों के हस्ताक्षर से प्रेषित कर दिया गया है।
इस पूरी कवायद के दौरान तकनीकी अमले में नपा के ईईए एईए उपयंत्री से लेकर शिक्षा विभाग के बीआरसीसी सहित इंजीनियर मौजूद रहे तो वहीं मंत्री के निज सहायक सहित मंडल अध्यक्ष विपुल जैमनीए केपी परमार सहित अन्य भाजपा नेता भी मौजूद रहे।
500 छात्राओं को लौटातें हैं हर साल
शहर में सिर्फ कोर्ट रोड व आदर्शनगर स्थित दो ही कन्या हायर सेकंडरी स्कूल हैं। इनमें भी आदर्श नगर स्कूल में पुरानी शिवपुरी, हवाई पट्टी, तुलसी नगर, कृष्णपुरम, आदर्श नगर, जवाहर कॉलोनी, सावरकर कॉलोनी राघवेंद्र नगर सहित आधे से अधिक शहर की छात्राएं आती हैं।
स्कूल की प्राचार्य की प्राचार्य अर्चना खंडेलवाल ने अधिकारियों को बताया कि स्थानाभाव के कारण हर साल एडमिशन के लिए आने वाली करीब 500 छात्राओं को बैरंग लौटना पड़ता है। यदि पर्याप्त स्थान और लैब सहित अन्य संसाधन उपलब्ध हो जाएंगे तो यहाँ वर्तमान 941 छात्राओं की तुलना में कहीं अधिक संख्या में बेटियां अध्ययन कर सकेंगी।
जर्जर कक्षों को तोड़कर तैयार कराए जाएंगे 16 नए कक्ष
मंगलवार को स्कूल पहुंचे विभागीय अधिकारियों व तकनीकी अमले ने स्कूल के पिछले हिस्से में जर्जर कक्षों को तोड़कर यहां 16 कक्षों का प्रस्ताव तैयार किया है। प्रथम चरण में स्कूल में सात नए कक्ष बनाए जाएंगे। माना जा रहा है कि सात नए कक्ष बनने से भी काफी हद तक स्थानाभाव की समस्या खत्म हो जाएगी। बताया जाता है कि विभाग राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के मार्फत यह बजट स्वीकृति के लिए भेजेगा, जबकि पेबर्स सहित अन्य कार्य नपा के माध्यम से कराया जाएगा।