कोलारस। कोलारस अनुविभाग के रन्नौद तहसील के एक पटवारी का तौलिया और बनियान में रिश्वत वसूलते हुए एक वीडियो वायरल हुआ था,यह वीडियो प्रशासनिक हल्को में चर्चा का विषय बन गया था क्यों कि रिश्वत वन विभाग की जमीन को राजस्व की बताकर वसूली गई थी। वीडियो वायरल होने के बाद पटवारी ने इसकी शिकायत पुलिस में की,इसके बाद रिश्वत देने वाली महिलाओ ने थाने पर प्रदर्शन कर बच्चों सहित आत्महत्या करने की धमकी दे डाली थी।
नट बाबा के पास है वन विभाग की जमीन,जुर्माना वसूला पटवारी ने
जानकारी के अनुसार अकाझिरी के पास नट बाबा मंदिर के पास वन विभाग की जमीन है जिस पर मोंगिया समाज के लोगों द्वारा करीब 150 बीघा जमीन पर कब्जा कर लिया गया है। जब पटवारी को इसके बारे में जानकारी लगी तो वह मौके पर पहुंच गया और इसे राजस्व की जमीन बताकर अतिक्रमण की रसीद कटवाने के लिए कहा। इस पर मोंगिया समाज के लोग तैयार हो गए और आपस में रुपये एकत्रित करके 1.65 रुपये पटवारी को दे दिए।
इसकी रसीदें भी इन लोगों को दे दीं। बाद में मोंगिया समाज के लोगों को पता चला कि यह जमीन तो वन विभाग की है। जब वे पटवारी के पास पहुंचे तो उससे कहासुनी हो गई। रुपये देते समय किसी ने पटवारी का वीडियो बना लिया था जो विवाद के बाद प्रसारित कर दिया।
पटवारी ने दिया थाने में आवेदन, लोगों ने किया प्रदर्शन
तहसील के ग्राम पंचायत ईचोनिया के पटवारी लालाराम का जब रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल हो गया तो बाद में पटवारी ने रन्नौद थाने में आकर वीडियो प्रसारित करने वाले व्यक्ति के खिलाफ थाने में आवेदन दे दिया। थाना प्रभारी अमित चतुर्वेदी ने दोनों पक्षों को बुला लिया।
जब उसकी जानकारी मोंगिया समाज के लोगों को लगी तो वे भी थाने पर पहुंच गए और प्रदर्शन किया। महिलाओं ने रन्नौद थाने पर प्रदर्शन करते हुए कहा कि हमारे साथ अन्याय न किया जाए और पटवारी ने जो रुपये लिए हैं वह हमें वापस कराए जाएं। यदि रुपये नहीं मिले तो बच्चों के साथ आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। पिंकी मोंगिया ने कहा कि हमने अपने गहने बेचकर यह रुपये पटवारी को दिए हैं।
मामले को गंभीरता से देखते हुए पटवारी को तत्काल निलंबित कर दिया गया है। उसका मुख्यालय बदरवास है। विभागीय जांच भी करवाई जा रही है।
मोतीलाल अहिरवार, अनुविभागीय