आवारा सांडों की लड़ाई में चपेट में आए घायल बुजुर्ग की मौत, घर से चाय पीने निकले थे- Shivpuri News

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शिवपुरी।
शिवपुरी शहर के रहने वाले 65 साल के बुजुर्ग की ग्वालियर में उपचार के दौरान मौत हो गई। बुजुर्ग सांड के हमले से घायल हुआ था। बुजुर्ग ने उपचार के दौरान ग्वालियर के अस्पताल में दम तोड़ दिया। परिजनों ने बुजुर्ग की मौत का जिम्मेदार नगर पालिका की उदासीनता को माना है। बुजुर्ग के शव को ग्वालियर में पोस्टमार्टम कराने के बाद शिवपुरी लाया गया है।

जानकारी के अनुसार 19 मार्च की दोपहर देहात थाना क्षेत्र के काली माता मंदिर के पास रहने वाले 65 वर्षीय रामजी लाल कोड़े दोपहर चार बजे काली माता मंदिर के पास चाय की गुमठी पर चाय पीने जा रहे थे। इसी दौरान दो आवारा सांडों की लड़ाई की चपेट में आ गए थे रामजी लाल को एक सांड ने दो बार उठा के सड़क पर पटक दिया था। जिससे रामजी लाल बुरी तरीके से घायल हो गए थे। रामजी लाल के परिजनों ने घायल रामजी लाल को पहले जिला अस्पताल में भर्ती कराया था जहां से उन्हें उसी दिन ग्वालियर रैफर कर दिया गया था। लेकिन उपचार के दौरान रामजी लाल ने ग्वालियर के अस्पताल में दम तोड़ दिया। ग्वालियर पुलिस ने मामला दर्ज कर रामजी लाल के शव का पोस्टमॉर्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया है।

रामजी लाल के बेटे महेश कोड़े ने नगर पालिका पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। महेश का कहना है कि लगातार शहर में आवारा मवेशियों का जमाबड़ा शहर में देखा जा सकता है। अब तक कई लोगों को आवारा मवेशी घायल कर चुके है इसके बावजूद नगर पालिका के द्वारा आवारा मवेशियों की धरपकड़ के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए। नगर पालिका की इसी लापरवाही के चलते मेरे पिता की मौत हो गई।

मुख्य नगर पालिका अधिकारी केशव सगर का कहना है कि नगर पालिका के द्वार हर सप्ताह आवारा मवेशियों को पकड़ने का अभियान चलाया जाता है। आवारा मवेशियों को गौशाला में छोड़ दिया जाता है। इसके बावजूद कई मवेशी पुनः सड़कों पर देखे जाते हैं जिन्हें नगर पालिका गौशाला में छोड़ चुकी है। उक्त मवेशी गौशाला से पुनः वाहर कैसे आ जाते हैं इसकी जांच करा रहे हैं साथ ही आगामी समय में गौशाला में छोड़ने से पहले मवेशियों को सींगों पर रंग लगाने का कार्य शुरू किया जाएगा जिससे उक्त मवेशियों की पहचान की जा सके।