शिवपुरी। माधव नेशनल पार्क की सीमा की बलारपुर वीट में स्थित प्राचीन बलारी माता के मंदिर पर आयोजित चैत्र नवरात्रि के मेले में भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। टाइगर के भय पर आस्था भारी पडी,हजारो लोग पैदल चल रह है और वाहनों की भीड़ के कारण वाहन रेंगते हुए दिखाई दे रहे है। जंगल में 3 टागरो को खुले में होने के भय पर माता के भक्त भारी है।
मेले और दर्शनो पर पार्क प्रबंधन ने किया था रोका प्रयास
घनघोर जंगल में मां बलारी के मंदिर पर इस बार दर्शनो और मेले पर रोक लगाने का प्रयास प्रबंधन ने किया था। कारण स्पष्ट था कि वर्तमान समय में माधव नेशनल पार्क में तीन टाइगरो को छोड़ा जा चुका है। टाइगरो के खतरे को देखते हुए नेशनल पार्क प्रबंधन ने श्रद्धालुओं को चैत्र नवरात्रा में बलारी माता के दर्शन करने पर रोक लगाने का प्रयास किया था,लेकिन मंदिर के महंत प्रयागराजी भारती ने अनशन करने की धमकी दी और माता के भक्तो ने आंदोलन करने का मन बना लिया इस कारण प्रशासनिक दखल के बाद श्रद्धालुओं को बलारी माता के दर्शन करने के लिए माधव नेशनल पार्क के द्वार खोलने पड़े थे।
आज से सप्तमी का मेला, जोश व भक्ति भाव से चढाऐ जा रहे नेजे
आज माधव नेशनल पार्क की सीमा के भीतर बलारी माता के मंदिर परिसर में मेला भरता है यह मेला लगभग सौ वर्षों से भर हुआ आ रहा है इस मेले में शामिल होने देश के कोने कोने से लोग पहुंचते हैं। इसी के चलते यहां लाखों की संख्या में भीड़ जुटती है। हालांकि बलारी माता के दर्शन करने नवरात्रि के सभी दिवसों पर भीड़ पहुंचती है लेकिन सप्तमी को यहां बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ती है और मेला भी भरता है।
उमड़ रहा श्रद्धालुओं का सैलाब
सोमवार से ही पैदल जाने वाले श्रद्धालुओं की सैलाब सड़कों पर उमड़ने लगा था जो रात होते होते बढ़ता ही गया। शुक्रवार की शाम में बलारी माता के रास्ते में दर्जनों की संख्या में निशुल्क भंडारों का आयोजन किया गया। इन भंडारों में शीतल पेय, सरबत मुख्य रूप से आलू की सब्जी के साथ पूड़ी का वितरण किया है। शिवपुरी शहर से लगभग 23 किलोमीटर दूर माता के मंदिर तक कई श्रद्धालु मन्नत मांगने पैदल जाते हैं तो कई श्रद्धालु मन्नत पूरी होने पर पैदल यात्रा करते है इसके साथ ही कई श्रद्धालु पेंढ भरते हुए माता के दरबार पहुंचते इसके साथ ही बाइक, चार पहिया वाहन, बस के जरिए भी श्रद्धालु मंदिर पहुंचते है।
बीते सोमवार की रात बलारी माता मंदिर के मार्ग पर श्रद्धालुओं का सैलाब देखने को मिला श्रद्धालु डीजे की धुन पर माता कर मंदिर की बढ़ते हुए नजर आए श्रद्धालुओं के लिए बीच बीच मे निशुल्क शीतल पेय, भंडारे का आयोजन भी भक्तों द्वारा किया गया था।
भय पर आस्था भारी
हालही में माधव नेशनल पार्क में तीन टाइगरो को छोड़ा गया है। टाइगर और आमजन की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए नवरात्रि के शुरुआती दिन माधव नेशनल पार्क प्रबंधन ने मां बलारी की जाने वाले मार्ग पर ताले लटका दिए थे जिससे श्रद्धालुओं में रोष बढ़ता ही जा रहा था। मंदिर के महंत को माधव नेशनल पार्क के दरवाजे पर धरने पर बैठना पड़ा था प्रशासनिक दखल के बाद माधव नेशनल पार्क के दरवाजे श्रद्धालुओं को कुछ शर्तों के साथ खोल दिए गए थे।
इसके बाद भी माधव नेशनल पार्क प्रबंधन ने बाघ के हमले की संभावना जताते हुए रात्रि के समय श्रद्धालुओं से पैदल न जाने की अपील की थी। इसके बावजूद शुक्रवार की रात हजारों की संख्या में मां बलारी के दरबार तक पैदल सफर तय किया। श्रद्धालुओं का कहना था कि पहले भी वह इसी तरह मां के दरबार तक पहुंचते रहे है उन्हें किसी का भय नहीं है। हालांकि इस दौरान पुलिस प्रशासन सहित माधव नेशनल पार्क का प्रबंधन अलर्ट मोड़ पर रहा।
आज चढाया गया नरवर के राजा नल का पहला नेजा
बताया जाता है कि मां बलारी पर सप्तमी के दिन नरवर के राजा नल का नेजा चढाया जाता है,यह परंपरा वर्षो पुरानी है आज भी इसी परंपरा का निर्वहन किया जाता है। देवी उपासक राजा नल का नेजा मां बलारी सबसे पहले लेती है इसी परंपरा को आज भी नरवर के लोगों ने जिंदा रखा है।
नरवर का जनमानस हजारो की संख्या में नरवर से जंगल के रास्ते मां बलारी पहुंचते है और नेजा चढाते। एक आंकड़े के हिसाब से चैत्र की नवदुर्गा में बलारी माता के दर्शन करने लगभग 4 लाख से अधिक संख्या में भक्त पहुचते है।