शिवपुरी। शिवपुरी जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत गोपालपुर में विकास कार्यों के नाम पर भारी भ्रष्टाचार किया गया हैं। जिसकी शिकायत जिला पंचायत सदस्य श्रीमती आनंदी मोगिया वार्ड क्र. 4 ने प्रभारी मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया सहित जनपद से लेकर जिला पंचायत के अधिकारियों से की इसके बाद भी दोषी सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक के खिलाफ आज तक कोई कार्यवाही नहीं हो सकी हैं।
जबकि प्रभारी मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया के पत्र क्रमांक 82/मंत्री/पं.ग्रा.वि./2023 दिनांक 28 जनवरी 2023 द्वारा ग्राम पंचायत गोपालपुर के सरपंच, सचिव तथा सहायक सचिव द्वारा ग्राम पंचायत में विकास कार्यो की गुणवत्ताहीन, घटिया कार्य की जांच कराए जाने की जांच के लिए जिला पंचायत सीईओ को भेजा गया । जिस पर तीन लोगों की जिला पंचायत सीईओ उमराव मरावी द्वारा जांच दल गठित किया जिसमें सीर्ईओ जनपद पंचायत पोहरी गगन वाजपेयी, सतेन्द्र सिंह कुशवाह, अमित श्रीवास्तव को नियुक्त किया गया और सात दिवस में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने की बात भी कही गई परन्तु तीन माह गुजर जाने के बाद भी आज तक कोई जांच नहीं की गई। जिस पर से जिला पंचायत सदस्य आनंदी मोगिया ने कहा है कि यदि जांच नहीं की गई तो मुख्यमंत्री के समक्ष पहुंचक इसकी जांच कराने के लिए आवेदन सौंपूगी।
जिला पंचायत सदस्य श्रीमती आनंदी मोगिया द्वारा की गई शिकायती आवेदन में बताया है कि ग्राम पंचायत गोपालपुर के सरपंच नरेश धाकड़, सचिव उमाशंकर पाकद, सहायक सचिव बाबू सिंह धाकड़ जो कि एक ही समाज से है तथा उक्त तीनों द्वारा पंचायत में चल रहे निर्माण कार्यो में भारी भ्रष्टाचार किया गया है। मोरा तालाब के पास निर्मित कन्टूरइंच एवं प्लान्टेशन में इनके द्वारा भारी भृष्टाचार किया गया है, निर्माण कार्य अत्यधिक घटिया किस्म का शासन मापदण्ड के विपरीत निर्माण किया गया है, जिसकी विधिवत सेम्पल लिया जाए तो पूरा कार्य रेत की जगह डस्ट का उपयोग किया गया है।
वहीं प्लान्टेशन कार्य में भी कम पौधे रोपे जाकर अधिक पौधे दर्शाये गए है तथा समस्त कार्य मनरेगा अंतर्गत मजदूरों से कराया जाना था किन्तु इनके द्वारा मशीनों से कार्य कराया गया है। चारागाह पर गौशाला के पीछे नाली निर्माण भी अत्यधिक घटिया मटेरियल से तथा मजदूरों से न कराते हुए मशीनों से किया गया है। ग्राम पंचायत का पुराना भवन इनके द्वारा रातो-रात जमीदोज कर पुराने भवन का मटेरियल भी खुर्द-बुर्द कर लिया गया है, जबकि नियमानुसार मटेरियल नीलाम कर मटेरियल की राशि शासन को जमा करना थी किन्तु इनके द्वारा चुपचार बेच कर अवैध रूप से लाभ कमाया गया है।
ग्राम पंचायत में स्थित प्राचीन गढ़ी जो कि पुरातत्व विभाग द्वारा अपने आधिपत्य में ले ली गई। जिसमें वर्षो पूर्व के बहुत से इमली के जिंदा वृक्ष खड़े हुए थे जिन्हें भी रातों रात गुपचुप तरीके से इन तीनों की तिकड़ी द्वारा अवैध रूप से कटवाकर विक्रय कर लाखों रूपयों का अवैध लाभ कमाया गया। उपरोक्त कार्यों की उच्च स्तरीय जांच कराई जाने एवं दोषियों को दंडित किया जाता न्यायोचित होगा।