गेट पर रोका गया दुकानदारो को, विवाद- पुलिस बुलानी पड़ी, टाइगरो के खौफ पर भारी बलारी मैया के भक्तों की आस्था- Shivpuri News

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शिवपुरी।
एक दिन में तीन रूप बदलने वाली मां बलारी मैया के लगने वाले मेले पर इस बार विवाद का साया रहा है। माधव नेशनल पार्क ने तीनो टाइगर बाडे मुक्त करते हुए जंगल में छोड दिए है,इस लिए पार्क प्रबंधन चिंतित है,वही जंगल वाली बलारी के भक्त भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। प्रशासन ने चैत्र की नवरात्रि में 3 दिवसीय लगने वाले मेले को लेकर पूर्व से ही गाइड लाइन जारी कर दी थी कि किसी को नहीं रोका जाएगा,लेकिन पार्क प्रबंधन प्रतिदिन कोई ना कोई अड़ंगा डाल देता है,रविवार को पार्क प्रबंधन ने दुकानदार गाड़ियों में सामान लेकर पहुंचे तो पार्क के स्टाफ ने ने गेट पर ही रोक दिया। इसके बाद दुकानदारो ने हंगामा कर दिया, सुरवाया थाना पुलिस ने पहुंचकर मामला शांत कराया। दुकानदारों को सामान के साथ मेले में जाने दिया।

जानकारी के मुताबिक जिले सहित दूर-दराज क्षेत्रों से दुकानदार प्रसादी, मनिहार आदि सामान ट्रैक्टर-ट्रॉली, ऑटो, लोडिंग वाहनों में लेकर बलारपुर मेले के लिए रविवार की सुबह लेकर रवाना हुए। जैसे ही नेशनल पार्क के गेट पर पहुंचे तो मौजूद स्टाफ ने दुकानदारों को रोक दिया। देखते ही देखते दुकानों की संख्या बढ़ती गई और फिर विवाद की स्थिति बन गई। दुकानदार पत्थर रखकर विरोध पर उतर आए। सूचना लगते ही सुरवाया थाना प्रभारी रामेंद्र सिंह चौहान पुलिस टीम के साथ पहुंचे। दुकानदार और पार्क के मैदानी अफसरों से बातचीत की।

चूंकि प्रशासन भी श्रद्धालुओं की आस्था के चलते किसी तरह की रोक टोक के मूड में नहीं है। किसी भी तरह का विवाद ना हो, इसलिए श्रद्धालुओं को मंदिर जाने से नहीं रोका जा रहा है। इसी के साथ दुकानदार अपनी दुकानों का सामान लेकर मेले में पहुंच गए हैं।

एक ही रास्ता होने के कारण जाम के हालात

बलारपुर मंदिर पर लगने वाले मेले की नवरात्रि के पांचवे दिन रविवार से शुरुआत हुई। हालांकि पहले दिन सीमित भीड़ रही, लेकिन सोमवार से यहां भीड़ बढ़ेगी और अंतिम दो दिनों में तीन से चार लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। हालांकि टाइगर खुले में छोड़ने को लेकर जो डर पहले बताया जा रहा था उस पर आस्था भारी दिखाई दी। हर साल की तरह बड़ी संख्या में भक्त मंदिर पहुंच रहे हैं।

पहले दिन ही प्रशासनिक अव्यवस्थाओं के कारण लोग परेशान होते हुए दिखाई दिए। प्रवेश और निकासी के लिए एक ही द्वार होने के कारण चार पहिया वाहन वहां फंसते रहे। प्रशासन ने मंदिर पहुंचने के लिए सिर्फ करई गांव का रास्ता खोला हुआ है। अन्य जगहों से आने वाले रास्तों को पूरी तरह से ब्लाक कर दिया गया है। पहले मंदिर के आसपास प्रसाद व अन्य दुकानें लगाने की मनाही की गई थी लेकिन नियमों पर आस्था भारी इसलिए दुकान मंदिर पक पहुंच गई। आज सोमवार है आज से मेले में भीड़ बढ़ेगी,ऐसे में यातायात व्यवस्था को लेकर बड़ी चुनौती होगी।