नरवर रोड टाइगर की नाइट वॉक, इसी क्षेत्र में टाइगर, और इधर से ही आऐगा नरवर के राजा नल का नेजा बलारी पर चढ़ने- Shivpuri News

NEWS ROOM
शिवपुरी।
शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क में तीनो टाइगर खुले में विचरण कर रहे है,इन टाइगरो के बीच 4 लाख भक्त मैया के दर्शन करने पहुंचने वाले है। अभी दो दिन पूर्व टाइगर नरवर रोड पर देखा गया था। बीती रात्रि नरवर रोड पर टाइगर फिर नरवर रोड पर दिखाई दिया। शिवपुरी से मां बलारी के दर्शन करके लौटे रहे नरवर के नगर परिषद अध्यक्ष अपनी फैमिली के साथ नरवर लोट रहे थे,रात 12:30 बजे नरवर रोड पर झिरना के मंदिर के पास टाइगर कैमरे में कैद हुआ है। टाइगर की रोड पर विचरण करने की 22 सेकंड की वीडियो भी सोशल पर वायरल हो रही है।

जानकारी के अनुसार नरवर नगर परिषद की अध्यक्ष पदमा माहेश्वरी अपने पति संदीप माहेश्वरी उनकी बेटी निधि विसानी और ड्राइवर सहित अपनी कार से नरवर लोट रहे थे रविवार-सोमवार की रात लगभग 12:30 बजे झिरना के मंदिर के समीप तभी अचानक रोड पर टाइगर वॉक कर रहा था। टाइगर ने लगभग 15 सेकंड रोड पर वॉक करता रहा उसके बाद वह रोड क्रॉस कर गया। माहेश्वरी फैमिली ने टाइगर की इस नाइट वॉक को अपने कैमरे में कैद किया हैं।

भक्तों की आस्था और शिवपुरी का पर्यटन आमने सामने

सप्तमी को मां के दरबार में नेजे चढाए जाते है और मां बलारी पर सबसे पहले नरवर के राजा नल का ही नेजा चढाया जाएगा और इस नेजे को नरवर निवासी बडी धूमधाम से नरवर से सैकड़ों भक्त 30 किमी की पैदल यात्रा कर लाते है। टाइगर इस क्षेत्र में 2 बार देखा गया है। इस कारण बार अब टेंशन बढनी लाजमी है। यह शिवपुरी का विकास और आस्था दोनो एक दूसरे के आमने सामने है,शिवपुरी में पर्यटन की बढावा देने के लिए टाइगर आए है वह भी पूरे 27 साल बाद,अब ऐसे में भक्त और टाइगर दोनों की चिंता है

सप्तमी के दिन आऐगा जंगल के रास्ते से राजा नल का नेजा

सप्तमी को मां के दरबार में नेजे चढाए जाते है और मां बलारी पर सबसे पहले नरवर के राजा नल का ही नेजा चढाया जाएगा और इस नेजे को नरवर निवासी बडी धूमधाम से नरवर से सैकडो भक्त 30 किमी की पैदल यात्रा कर लाते है।

नेशनल पार्क के बियावान जंगल में 1 हजार पूर्व प्राकट्य हुई मां बलारी माता बलारी पर चैत्र के नवरात्र पर मां के दरबार में नेजे चढ़ाने का रिवाज है,और यह प्रथा मां के प्राकट्य से ही चली आ रही है,और यह प्रथा आज भी अनवरत जारी है,और इस प्रथा में सबसे पहले मां के दरबार में राजा नल का नेजा चढाया जाता है,और इसी क्रम में सप्तमी के दिन सबसे पहले नरवर से राजा नल का नेजा ही सबसे पहले चढ़ाया जाऐगां।

छठ और सप्तमी के दिन मां के दरबार में इस बियावान जंगल में मेला भरता है,इस दोनो दिनो में क्या बच्चा,क्या बूढा,महिलाओं सहित पैदल और अपने वाहनों से मां के दरबार में पहुंचता है। इस मेले में जिस व्यक्ति की मन्नत पूरी होती है वह पैदल ही मां के दरबार में जाता है।

बताया गया है कि मां की मूर्ति राजा नल से समय की है और इसे पुरातत्व विभाग 1 हजार साल पुरानी मानता है,यह भी बताया गया है कि यह मां की प्रतिमा एक चट्टान का फ ाड कर प्रकट हुई है,और कुछ श्रद्धालु मां के इस प्राकट्य स्थल के दर्शन इस मंदिर से 2 किमी दूर अंदर जंगल में करने जाते है।

नेशनल पार्क के बियावान जंगल में 1 हजार पूर्व प्राकट्य हुई मां बलारी मां बलारी पर चैत्र के नवरात्र पर मां के दरबार में नेजे चढाने का रिवाज है,और यह प्रथा मां के प्राकट्य से ही चली आ रही है,और यह प्रथा आज भी अनवरत जारी है,और इस प्रथा में सबसे पहले मां के दरबार में राजा नल का नेजा चढाया जाता है,और इसी क्रम में सप्तमी के दिन सबसे पहले नरवर से राजा नल का नेजा ही सबसे पहले चढ़ाया जाऐगां।

छठ और सप्तमी के दिन मां के दरबार में इस बियाबान जंगल में मेला भरता है,इस दोनो दिनो में क्या बच्चा,क्या बूढा,महिलाओं सहित पैदल और अपने वाहनों से मां के दरबार में पहुंचता है। इस मेले में जिस व्यक्ति की मन्नत पूरी होती है वह पैदल ही मां के दरबार में जाता है।

बताया गया है कि मां की मूर्ति राजा नल से समय की है और इसे पुरातत्व विभाग 1 हजार साल पुरानी मानता है,यह भी बताया गया है कि यह मां की प्रतिमा एक चट्टान का फ ाड कर प्रकट हुई है,और कुछ श्रद्धालु मां के इस प्राकट्य स्थल के दर्शन इस मंदिर से 2 किमी दूर अंदर जंगल में करने जाते है,लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पाएगा,पार्क प्रबंधन ने यह क्षेत्र प्रतिबंधित कर दिया है और कटीले तारो से इस ओर जाने वाला रास्ता कवर कर दिया है।