MNP में राजा की रानी को जंगल में छोड़ने की तैयारी, जिद पर अड़ी पटरानी- 9 दिन से नहीं खाया खाना- Shivpuri News

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शिवपुरी।
शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क में नर टाइगर को जंगल में छोड़े जाने के बाद मादा टाइगर को बाडे से आजाद करने की प्रक्रिया पर विचार किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि पन्ना से आई मादा टाइगर ने 9 दिन से बाडे में खाना नहीं खाया है वह जिद पर अड़ी है कि खुले में ही शिकार कर भोजन करेगी। वही नर टाइगर ने भी अपने रहने के लिए स्थान का चयन कर लिया है और शिकार भी किया है।

जानकारी मिल रही है कि टाइगर एक दिन में 10 वर्ग किमी तक जंगल में लगातार चल सकता है, इसलिए नर टाइगर के सोमवार की शाम बाड़े से बाहर निकलने के बाद से पार्क प्रबंधन की मॉनिटरिंग टीम कॉलर ट्रेकिंग से उसकी लोकेशन ट्रेस कर रही है। नर टाइगर बाड़े से कुछ दूरी तक जंगल में घूम रहा है तथा अब उसके किसी एक जगह पर अधिक 'समय तक रहने के संकेत मिलने से यह माना जा सकता है कि उसे अपना ठिकाना बनाने के लिए जंगल पसंद आ गया। वहीं CCF का दावा है। कि बाड़े से बाहर खुले जंगल में पहुंचते ही नर टाइगर ने सौ फीसदी शिकार कर लिया होगा। टाइगर को तीन चीजों की जरूरत होती है, जिसमें पहला रहने का दूसरा शिकार और तीसरा जोड़ीदार। इसी के चलते अब जल्द मादा टाइगर को छोड़े की तैयारी कर रहा है।

आधे किलोमीटर की दूरी से रख रहे नजर

टाइगर की जंगल में ट्रैकिंग करने वाली माधव नेशनल पार्क की टीम 'लगभग आधा किमी दूर रहकर उसकी मौजूदगी का पता कर रही है। क्योंकि टाइगर को किसी भी तरह की व्यवधान होने पर वो जंगल में एक जगह रुकने की बजाय आगे बढ़ जाता है। जिसके चलते वो अपनी टेरिटरी नहीं बना पाता है. यही वजह है कि ट्रैकिंग टीम इतनी दूरी बनाकर उसके सिग्नल देख रही है। कई बार रहती है।

जिद पर अड़ी है,राजा की पटरानी

पन्ना से आई मादा टाइगर ने शिवपुरी आने के बाद 9 दिन से भले ही भोजन नहीं किया, लेकिन वो स्वस्थ नजर आ रही है। CCF का कहना है कि अमूमन 7 दिन तक टाइगर बिना शिकार के रह सकता है, लेकिन कई बार जिद भरी नाराजगी भी रहती है कि बाड़े में या बंद एरिया में वो कुछ नहीं खाएगा, तथा खुले जंगल में ही भोजन करेगा।

जल्द छोड़ेंगे जंगल में मादा टाइगर

जो मादा टाइगर बांधवगढ़ से 10 मार्च को नर टाइगर के साथ आई थी. उसे ही जल्द बाड़े से बाहर निकालेंगे। पन्ना की मादा टाइगर अभी तक सहज नहीं हो पाई है या फिर जिद भी हो सकती है। टाइगर तभी बाहर निकलता है, जब उसे यह महसूस होता है कि उसे आसपास कहीं कोई नहीं देख रहा।
उत्तम कुमार शर्मा, सीसीएफ माधव नेशनल पार्क शिवपुरी