शिवपुरी। शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क के जंगल में 27 साल बाद जंगल के राजा की वापिसी हुई है। 10 मार्च को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से आए टाइगर को पार्क में बने बाडे मे रखा गया था। जिसे 10 दिन बाडे में रखकर 20 मार्च को सोमवार को खुले जंगल में छोड दिया। बताया जा रहा है कि नर टाइगर के बाड़े के गेट सुबह 11 बजे खोल दिए थे,लेकिन वह शाम को 4 बजे बाडे से निकला और जंगल में समा गया।
सीसीएफ उत्तमकुमार शर्मा ने बताया कि सुबह करीब 11 बजे नर बाघ के बाड़े का गेट खोल दिया तक इंतजार कराने के बाद शाम चार बजे वह अपने बाड़े से बाहर निकला और जंगल की ओर चला गया। इस दौरान वहां पर कोई भी कर्मचारी या अधिकारी सामने मौजूद नहीं रहा थोड़ी दूरी पर एक गाड़ी में बैठकर टीम उसकी निगरानी कर रही थी। एक-दो दिन तक नर बाघ की निगरानी की जाएगी। यह मॉनिटर किया जाएगा कि किस जगह अपनी टेरिटरी बनाता है। इसके बाद बाघिन को भी खुले जंगल में मुक्त कर दिया जाएगा।
इसलिए पहले छोड़ा नर बाघ को
सीसीएफ उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि पहले नर बाघ को छोड़ा गया है। इसे पहले इसलिए छोड़ा गया है क्योंकि नर बाघ अधिक माइग्रेट करते हैं। एक रात में यह 20 किमी तक की दूरी तय कर लेते हैं। हालांकि यहां बाघ अधिक तक नहीं जाएगा क्योंकि उसे मादा बाघ की मौजूदगी महसूस करा दी गई है। ऐसे में वह इसी क्षेत्र के आसपास रहेगा। बाघ को रहने के लिए जंगल,भोजन और साथी की जरूरत होती है और यह तीनों चीजें ही सहजता से उसे माधव राष्ट्रीय उद्यान में उपलब्ध हैं। फिलहाल हमारी टीम उस पर 24 घंटे निगरानी रखेगी। सेटेलाइट कालर के जरिए सेटेलाइट से भी उसकी लोकेशन मिलती रहेगी और गाड़ी में निगरानी के लिए रखी गई टीम भी रेडियो सिग्नल के जरिए उसे पूरे समय ट्रैक करेगी ।