करैरा। चैत्र के नवरात्रि चल रही है,यह नौ दिन देवी के उपासना के दिन है। इन्ही नवरात्रि के दिनो मे करैरा में एक चमत्कार देखने का मिला है। करैरा के अनुविभाग के गणेश खेड़ा गांव में एक सिद्ध स्थल पर पत्थर को फाड कर माता की मुर्ति प्रकट होने का दावा लोग कर रहे है। इस में सबसे बड़ी बात यह है कि इस पत्थर में मुर्ति होने की बात पिछले 6 माह से गांव का एक बुर्जग कर रहा था लेकिन उसकी बात पर कोई विश्वास नही कर रहा था।
जानकारी के अनुसार करैरा अनुविभाग की लालपुर पंचायत के गणेशखेड़ा गांव में माता की मूर्ति बीते रोज रोज 11 बजे निकली है। ग्रामीण बताते है कि गांव के बाहर पहाड़ी पर 80 साल के हरिचरण कुशवाह एक सिद्ध स्थल पर वर्षों से पूजा पाठ करते आ रहें है। भारत सिंह कुशवाह ने बताया कि मेरे दादा हरिचरण कुशवाह बुजुर्ग होने के बाद भी पहाड़ी पर सिद्ध स्थल पर पूजा पाठ करने जाते थे वह कई बार रात में घर भी वापस नहीं आते थे।
6 माह पहले किया था मूर्ति होने के दावा, समझने लगे थे पागल
80 वर्षीय हरिचरण कुशवाह ने बताया कि मैने 6 माह पहले अपने परिवार और ग्रामीणों से पत्थर में मूर्ति होने का दावा किया था। लेकिन कोई भी मेरी बातों पर विश्वास नहीं करता था सभी लोग मुझे पागल समझने लगे थे। लेकिन मेरे सपनों में कई बार बड़े पत्थर में मूर्ति दिखाई दी थी। इसके बाद मुझे सपना आया था कि चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां पत्थर को फाड़ कर मूर्ति बाहर निकलेगी। चार दिन पहले मैने अपने घर वालों सहित ग्रामीणों को यह बात बताई थी 23 मार्च को मूर्ति स्वतः ही पत्थर फाड़ कर बाहर निकल आएगी।
24 घंटे रामधुन के पूरा होते ही पत्थर में आई दरार, मूर्ति हुई प्रकट
महेश कुशवाह ने बताया कि बुजुर्ग हरिचरण कुशवाह के परिजनों के कहने पर सभी ग्रामीण सिध्द स्थल पर एक रोज पहले 24 घंटे के लिए रामधुन करना शुरू कर दिया। अगली सुबह 11 बजे रामधुन के बीच अचानक से दरार आ गई। जब पत्थर के एक हिस्से को हटाया तो पत्थर के बीचों बीच एक मूर्ति दिखाई दी। मूर्ति देखने से लगता है कि यह मूर्ति किसी देवी माता की है। इसके बाद ग्रामीणों ने पूजा पाठ शुरू कर दी।