शिवपुरी। माधव राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के कॉरिडोर में आ रहे जिन आधा दर्जन गावों को लेकर विशेष बैठक आयोजित की गई जिसमें माधव राष्ट्रीय उद्यान से लगे हुए गांव हैं जिनको विस्थापन किया जाए, क्योंकि अब माधव राष्ट्रीय उद्यान में टाईगर भी आ गया हैं। उद्यान से लगे हुए इन गांवों का सर्वे पूर्व में भी हो चुका हैं लेकिन कुछ लोगों को मुआवजा नहीं मिला था इसलिए वह विस्थापित नहीं हुए थे और शासकीय जमीन यह लोग खेती भी कर रहे थे। अब इन सभी लोगों पूर्ण रूप से जल्द से जल्द विस्थापित कराया जाएगा इन गांव की जमीन को माधव नेशनल पार्क में जोड़ा जाएगा।
माधव राष्ट्रीय उद्यान के सीसीएफ उत्तम शर्मा ने बताया कि इस मामले को लेकर एक कमेटी गठित की गई जिसमें प्रशासन जिसमें कुछ लोगों ने पहले मुआवजा ले लिया हैं उनके चिन्हित किया जाएगा साथ कितने लोग शेष रहे गए हैं इसके बाद भी उन्होंने गांव से विस्थापित नहीं हुए हैै, तो उन लोगों को उनकी जमीन का शासन के माध्यम से मुआवजा दिया जाएगा। उसका सर्वे किया लखनगां, अर्जुनगंवा, हरनगर, चकडोंगर, मामौनी इन गांव के नागरिकों को अवगत करा दिया गया है।
सात दिन में की जाएगी सर्वे की कार्यवाही
माधव नेशनल पार्क के एसीसीएफ अनिल सोनी ने बताया कि जल्द जल्द से यह कार्यवाही की जाएगी क्योंकि सात दिन के अंदर पूरे गांवों का सर्र्वे कराकर सूची तैयार कर कमेटी के समक्ष भेजी जाएगी और प्रशासन से जल्द ही राशि स्वीकृत कराकर मुआवजा वितरण कराया जाएगा जिससे माधव नेशनल पार्क से लगे हुए इन गांवों को खाली करा लिया जाए क्योंकि पार्क में अभी टाईगर भी आ गया हैं और इसेे जल्द ही छोड़ा जाएगा।