शिवपुरी को मिलेंगे सिर्फ 5 बाघ, योजना की सफलता के लिए करना होगा 10 साल इंतजार- Shivpuri News

NEWS ROOM
3 minute read
शिवपुरी।
माधव राष्ट्रीय उद्यान में लगभग 27 साल बाद फिर से बाघ बसाए जा रहे हैं जिन्हें 10 मार्च को बाड़े में छाेड़ा जाएगा। बाघों को फिर से पार्क में स्थापित करना चुनौतीपूर्ण है। इसमें किसी तरह की चूक न हो इसलिए पार्क प्रबंधन द्वारा पन्ना माडल को अपनाया जा रहा है क्योंकि पन्ना में बाघों को सफलतापूर्वक पुनर्स्थापित किया जा चुका है। यहां जब बाघों को पुनर्स्थापित किया गया तो मादा बाघ और नर बाघ को दूर-दूर बने बाड़े में रख दिया। इसका परिणाम यह हुआ कि खुले में छोड़े जाने पर नर बाघ करीब 100 किमी दूर निकल गया और कई दिनों बाद मिला। इसके बाद अध्ययन किया तो समझ आया कि मादा बाघ काे सेंस न कर पाने की वजह से वह चला गया था।

इसके बाद अगली बार उन्हें पास-पास के बाड़ों में रखा गया और फिर बाघ ने आसपास ही अपनी टेरेटरी स्थापित कर ली। यही माडल शिवपुरी में अपनाया जा रहा है। एसीएफ अनिल सोनी बाड़ों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि नर बाघ को दोनों मादा बाघों के बीच बने बाड़े में रखा जाएगा। इससे वह उनकी गंध ले सकेगा और उन्हें सेंस कर सकेगा। ऐसे में जब उसे खुले में छोड़ा जाएगा तो वह रेंज से बाहर नहीं जाएगा। वहीं मादा बाघों को भी अलग-अलग बाड़ों में रखा जाएगा जिससे उनमें आपस में संषर्घ की स्थिति न हो, लेकिन वे भी एक-दूसरे को सेंस कर सकें इसके लिए इंटरकनेक्शन वाले बाड़े बनाए गए हैं।

माधव राष्ट्रीय उद्यान में बाघों को पुनर्स्थापित करने की योजना कितनी सफल रही इसे जानने के लिए करीब एक दशक तक इंतजार करना पड़ेगा। बाघों के पुनर्स्थापित होने को सफल तब माना जाता है जब वहां कम से कम 20 मादा बाघ बच्चे पैदा करने की स्थिति में हों। पन्ना में वर्ष 2009 में बाघों को पुनर्स्थापित किया गया था और अब जाकर वहां इसे सफल माना गया है। माधव राष्ट्रीय उद्यान को फ्री रेंज के लिए पांच बाघ ही मिलना है जिसमें दो नर और तीन मादा बाघ हैं। ऐसे में यहां भी पुनर्स्थापना की सफलता के लिए लंबा इंतजार करना होगा।

अपने-अपने नेशनल पार्क में क्वारंटाइन हुए बाघ, देर रात लाए जाएंगे

पहले चरण दो मादा और एक नर बाघ लाया जा रहा है। नर बाघा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में है। यह वही बाघ है जो भोपाल के मैनिट इंजीनियरिंग कालेज में दिखाई दिया था और वहां से पकड़कर उसे सतपुड़ा में छोड़ा गया था। शेष एक मादा बाघ पन्ना टाइगर रिजर्व की है और दूसरी मादा बाघ बांधवगढ़ की बताई जा रही है। हालांकि अधिकारी अभी इनकी पहचान स्पष्ट नहीं कर रहे हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि इन्हें अपने-अपने नेशनल पार्क में क्वारंटाइन कर दिया गया है। इन्हें 9 मार्च देर रात यहां लाया जाएगा। यदि कार्यक्रम के पहले बाघ आ गए तो रातभर इनकी गाड़ी को स्टार्ट रखा जाएगा जिससे उन्हें लगे कि वे अभी सफर में हैं और मूवमेंट न हो। इसके बाद दोपहर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इन्हें बाड़े में छोड़ेंगे।

बाड़ों के अंदर छह हजार लीटर के सोसर भी बनाए

बाड़ों के अंदर बाघों के लिए छह-छह हजार लीटर पानी की क्षमता वाले सोसर बनाए गए हैं। करीब एक महीने तक इनमें पानी भरकर टेस्टिंग की गई है। इनमें पानी भरने के लिए बाहर से ही पाइप का कनेक्शन दिया गया है। बाड़ों के चारों ओर पांच मचान बनाए गए हैं जिन पर 24 घंटे कर्मचारी तैनात रहकर बाघों पर नजर रखेंगे। बाघों के आराम के लिए अंदर शेल्टर भी बनाए जा रहे हैं।