बैंक में खाते लॉक- बने नोटबंदी जैसे हालत, पति की मौत की सहायता 4 लाख सहायता राशि दूसरे खाते में- Shivpuri News

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शिवपुरी।
शिवपुरी कलेक्ट्रेट में आयोजित मंगलवार को जनसुनवाई के कार्यक्रम में एक विधवा महिला ने कलेक्टर से शिकायत की,कि मेरे पति के मरने के बाद मिली संबल योजना की राशि किसी दूसरे के खाते में ट्रांसफर कर दी है वही मुझे नही मिल रही है। 100 करोड़ के ऊपर के भ्रष्टाचार के कारण जिला सहकारी बैंक डूब चुका है इस कारण इस बैंक के खाते दारो को लॉक कर दिया और नोटबंदी के समय जैसे उनके हालत बना दिए गए है।

शादी के दिन कम,बैंक मे जमा पैसा भी मिला रहा है कम

मेरी शादी में गिनती के 45 दिन बचे हैं। हमारा 3 लाख जिला सहकारी बैंक में जमा है। बैंक ने देने से मना कर दिया। कहता है 1 सप्ताह में सिर्फ दो हजार मिलेंगे। ऐसे में शादी में पैसा खर्च होगा और हम लोगों को कैसे दावत कराएंगे। आड़े वक्त के लिए हमने बैंक में एफडी कराई थी, अब बैंक पैसा देने से मना कर रहे हैं। हमें हमारा पैसा वापस दिलाओ। यह शिकायत जब कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी से समर बानो पुत्री नन्हे खा निवासी करेरा ने कही तो कलेक्टर बोले आपके आवेदन को हम बैंक अधिकारी तक पहुंचाएंगे और समस्या का समाधान करेंगे।

घर में भागतव-पैसा नही निकल रहा है

वही टोगरा निवासी शिवचरण रावत ने शिकायत कर कहा कि केंद्रीय सहकारी बैंक में उनकी 4 लाख जमा है।पिछले 3 महीने से बैंक के चक्कर काट रहे हैं, बैंक उनका पैसा वापस नहीं लौटा रहा। 31 मार्च से उनके यहां भागवत कथा का आयोजन है और इस कथा के आयोजन में हमारा यह पैसा खर्च होगा। इसलिए बड़ी रकम की आवश्यकता है, लेकिन बैंक नहीं दे रहा। ऐसे में हम कथा जैसा धार्मिक अनुष्ठान कैसे करा सकेंगे। हमारा पैसा हमें वापस दिलाएं, शिवचरण रावत के इस आवेदन पर एसडीएम ने बैंक अधिकारी को कहा कि वह इसका समाधान करें।

मेरे पति की मौत हुई जिसमें 4 लाख 6 हजार स्वीकृत हुए, राशि दूसरे खाते में

जनसुनवाई में शिकायत करते हुए और घर निवासी लक्ष्मी पत्नी नेहरू जाटव ने अपनी पीड़ा जाहिर कर बताया कि 26 मार्च 2021 को उसके पति की मृत्यु पेट में दर्द होने से हो गई थी। संबल योजना में पंजीकृत होने से पति को मृत्यु पर 4 लाख 6 हजार की सहायता स्वीकृत हुई। लेकिन यह राशि आज तक नहीं मिली।

जब जनपद में संपर्क किया तो पता चला कि राशि किसी दूसरे के खाते में डाल दी है। आखिर पति मेरा मरा और राशि दूसरे के खाते में अधिकारियों ने कैसे डाल दी। मुझे अपनी राशि वापस दिलाएं। इस पर जिला पंचायत एडिशनल सीईओ महेंद्र जैन ने आवेदन पर कार्रवाई के लिए जनपद सीईओ को निर्देश दिए।