भुजारिया तालाब का अस्तितव बचाने बनया जाऐगा घाट, 20 साल बाद बन रही है शहर की यह सड़कें- Shivpuri News

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शिवपुरी।
शिवपुरी शहर के भुजारिया तालाब अपना अस्त्तिव बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है तालब पर चारो ओर से अतिक्रमण कर लिया गया है। नगर पालिका शिवपुरी अब इस तालाब पर घाट बना रही है। भुजारिया तालाब पर शहर की महिलाए रक्षाबंधन के दूसरे दिन भुजरिया सिराने जाती है,यहा महिलाओ का हुजुम उमड़ता है। 

वही पटेल पार्क की तर्ज पवर सावरकर पार्क को भी सुंदर बनाया जाऐगा। शहर की 9 वार्डो की जोड़ने वाली 3 प्रमुख सड़को का निर्माण किया जा रहा है यह सडक 20 साल बाद बनाई जा रही है। इन तीन सड़को पर नगर पालिका 2 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसके लिए नगर पालिका ने कार्ययोजना बना ली है। पीआईसी बैठक के बाद सड़कों का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। शहर की तीन प्रमुख सड़कों के बन जाने से लोगों को आने-जाने में सुविधा होगी। हैं। अब हम 20 अप्रैल तक इन्हें पूरा करने का प्लान कर रहे हैं।

यह है वह सड़के

खेड़ापति मंदिर से आरएसएस कार्यालय होते हुए थीम रोड तक की सड़क कई साल से अधूरी है। इस रोड पर वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा का भी निवास है और यहां मां काली माता के मंदिर के साथ तीन वार्ड की सीमा लगती है।

फिजिकल रोड से सिद्धेश्वर धर्मशाला मार्ग तक के लिए रोड बनाने का प्लान तय किया गया है। यहां भी 3 वार्ड लगते हैं, जिनमें वार्डवासियों का आना-जाना इन सड़कों से होता है। पुरानी शिवपुरी रोड स्थित कल्लन सोप फैक्टरी से लेकर से सिकरवार निवास तक रोड बनाने की तैयारी की गई है। यहां भी 3 वार्ड की सीमा लगती है, ऐसे में वार्डवासियों को बेहतर सड़क बन जाने से राहत मिलेगी।

भुजरिया तालाब पर घाट बनने से लोगों को होगी सुविधा

नगर पालिका ने भुजरिया तालाब के अस्तित्व को बचाए रखने का प्रयास भी किया है। पहली बार भुजरिया तालाब के पास घाट बनाने की तैयारी है। घाट बन जाने पर रक्षाबंधन के समय भुजरिया पर्व आने पर अक्सर यहां भुजरिया सिराने महिलाओं के साथ लोगों का हुजूम उमड़ता है। ऐसे में कई बार यहां मगरमच्छ देखा गया है और लोग खतरा महसूस करते हैं।

इस वजह से लोगों को सुरक्षित रखने और तालाब की सुंदरता बनाने के साथ-साथ उसके सौंदर्यीकरण के लिए भुजरिया ताल पर घाट बनाने की योजना स्वीकृत करने की तैयारी है। इसके साथ ही पटेल पार्क की तर्ज पर अब सावरकर पार्क को भी विकसित किया जा रहा है। यहां मूर्ति लगाने के साथ-साथ अन्य संसाधनों की प्लानिंग की गई है।