प्रदीप मोंटू तोमर, शिवपुरी। शिवपुरी जिले के पोहरी अनुविभाग के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक जच्चा बच्चा की मौत होने का मामला प्रकाश में आया है। बताया जा रहा है कि डिलीवरी के दौरान जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ थे। डिलीवरी के आधे घंटे के बाद केंद्र पर तैनात डॉक्टरों ने जच्चा बच्चा को शिवपुरी चिकित्सालय रेफर करने के लिए कहा,2 घंटे देर से पहुंची 108 में जब परिजनों ने जच्चा को एंबुलेंस में रखने को हुए तो वह जब तक दम तोड़ चुकी थी,वही बच्चे को देखा तो उसमें जान नही बची थी। आज सुबह 5 बजे जब परिजन जच्चा बच्चा को लेकर शिवपुरी जिला चिकित्सालय लेकर पहुंचे तो डॉक्टरो ने दोनो को मृत घोषित कर दिया हैं।
जानकारी के अनुसार सिरसौद थाने की सीमा में आने वाले गांव जामखौ में निवास करने वाली कुसमलता उम्र 28 साल पति दिलीप वर्मा को बीते रोज शाम 4 बजे अचानक पेट में तेज दर्ज हुआ। कुसुमलता के 9 माह पूरे हो चुके थे। प्रसूता को अस्पताल ले जाने के लिए 108 पर कॉल किया लेकिन 108 एंबुलेंस नही आई। दो घंटे इंतजार करने के बाद प्रसूता को पति दिपीप वर्मा और उसके बहन रानी बाइक से 8 किमी दूर झिरी के उप स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाया गया।
मृतक कुसुमलता के ससुर विनोद धाकड़ ने बताया कि बहू को तत्काल लेवर रूमें ले लिया था और उसे रात 3 बजे के आसपास डिलीवरी हो गई थी। उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। विनोद धाकड़ का कहना था कि सुबह की रात 4 बजे के बाद कहा गया कि ब्लीडिंग अधिक को गई है इस कारण प्रसूता को शिवपुरी रेफर करना पडेगा।
हमने 108 एंबुलेंस को कॉल किया और बहू को एंबुलेंस में रखने के लिए ले जा रहे थे,तभी उसमें जान नही बची। वही पैदा हुआ नवजात भी रो नही रहा था। दोनो को जिला अस्पताल शिवपुरी में लगभग 5 बजे पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने बहू और पोते को मृत घोषित कर दिया।
इस पूरे घटनाक्रमें गंभीर लापरवाही सामने आ रही है। जामखो से 108 को कॉल किया तो एंबुलेंस नही आई इस कारण दर्द से कराह रही प्रसूता को बाइक से अस्पताल ले जाना पडा। वही झिरी क उप स्वास्थ्य केंद्र में गंभीर लापरवाही बरती गई थी। पति दिलीप वर्मा पुरानी शिवपुरी में स्थित सीएचओ में पदस्थ है उसने बताया कि जब मेने सोनी मेडम से बातचीत की तो उन्होंने मेरे से कहा कि उनका बीपी मेंटेंन नही हो रहा है इसलिए रेफर किया जा रहा है।
दिलीप का कहना था कि पत्नि को बीपी की कोई शिकायत नही थी। कुसुम की यह दूसरी डिलीवरी थी उससे पहले ढाई साल की एक बेटी है। कुल मिलाकर एक लापरवाही के कारण प्रसूता और उसके बेटे की मौत हो गई। 108 के लेट होने या समय पर नही आने के कारण जिले में कई प्रसूताओं की मौत होने के मामले आते रहते है,वही जांच के नाम पर मामले को शांत कर दिया जाता है कि लेकिन अभी किसी एंबुलेंस के पायलट या संबंधित कंपनी पर ऐसी कोई कार्रवाई नही की गई जो खबरों में आई हो।