सोनू सेन अमोला। अमोला थाना पुलिस को आज बड़ी सफलता मिली है। अमोला थाना पुलिस ने सिंध नदी के नीचे मिली अज्ञात लाश की पहचान करते हुए उसकी हत्या करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। इस हत्याकांड का एक आरोपी फरार है। झांसी शिवपुरी फोरलेन हाईवे पर बने सिंध के पुल के नीचे दिगर जिले में हत्या कर लाश को फेंकने के मामले सामने आते है।
पुलिस लगभग 1 प्रतिशत मामलों को ही ट्रेस कर पाती है। इस मामले में अगर हत्यारे की गाडी कीचड़ में नही फसती तो शायद यह मामला भी ट्रेस नही होता। जैसा कि विदित है कि करैरा अनुवभिाग के अमोला थाना क्षेत्र में आने वाले पुराने अमोला में स्थित सिंध नदी के पुल के नीचे एक अज्ञात लाश मिलने की सूचना 18 दिसंबर को पुलिस को मिली थी। अमोला पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी।
शव मिलने के बाद शिवपुरी पुलिस लगातार अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में जुटी हुई थी तमाम तलाशी के बाद पुलिस को सूचना लगी कि घटनास्थल के सबसे पास पेट्रोल पंप पर उसी रात एक युवक कट्टी में पेट्रोल भरने के लिए पहुंचा था तमाम सीसीटीवी खंगालने के बाद पुलिस को उक्त पेट्रोल भरवाने वाले युवक का पता न लग सका था। पुलिस को पड़ताल में सीसीटीवी में दिखाई देने वाले युवक को नहीं पहचान सकी] लेकिन पुलिस को मालूम चला कि उक्त युवक करैरा थाना क्षेत्र के सिल्लारपुर गांव के रहने वाले धर्मवीर परिहार का दोस्त है।
पुलिस ने धर्मवीर की गांव पहुचकर पड़ताल की तो धर्मवीर मौके से फरार था लेकिन पुलिस को पुष्पेंद्र का पता मिल चुका था। इसके बाद पुलिस ने आरोपी पुष्पेंद्र को पकड़कर पूछताछ की तो पुष्पेंद्र ने सारा राज पुलिस के सामने उगल दिया।
अविवाहित था मृतक महेश, गूंगा बहरा था
मृतक की पहचान महेश परिहार के रूप में हुई है मृतक महेश ग्राम ररुआ थाना चिनोर जिला ग्वालियर का रहने वाला है। मृतक महेश परिहार गूंगा.बहरा था। इसके चलते उसकी शादी नहीं हो सकी थी। एसएसपी राजेश सिंह चंदेल ने बताया मृतक महेश परिहार के बड़े भाई की मौत के बाद महेश अपनी भाभी पर अवैध संबंध बनाने के लिए परेशान करता रहता था।
महेश की भाभी ने इसकी शिकायत अपने 19 साल के बेटे पुष्पेंद्र परिहार से की थी। मृतक महेश का भतीजा पुष्पेंद्र दिल्ली में रहकर प्राइवेट नौकरी करता था। पुष्पेंद्र की मां ने अपने देवर की गंदी नियत के बारे में कई बार अपने बेटे पुष्पेंद्र को बताया था इसी बात से पुष्पेंद्र अपने चाचा से बदला लेना चाहता था।
दोस्त के साथ मिलकर रची हत्या की साजिश
पुष्पेंद्र के के मन में एक तीर से दो शिकार करने की योजना सूझी थी। पुष्पेंद्र का मानना था कि यदि वह अपने चाचा को जान से खत्म कर देता फिर तो उसकी मां को भी परेशानी से निजात मिल जाएगी और चाचा के हिस्से में आने वाली जमीन भी उसे मिल जाएगी। अपने मंसूबों में कामयाब होने के लिए पुष्पेंद्र ने अपने सिल्लारपुर गांव की रहने वाली दोस्त धर्मवीर परिहार के साथ मिलकर अपने चाचा महेश की हत्या की साजिश रची थी।
शराब पिलाने के बहाने की हत्या
योजनाबद्ध तरीके से पुष्पेंद्र और धर्मवीर 17 फरवरी की रात महेश को शराब पिलाने का लालच देकर करैरा की कहकर ररुआ गांव से कार में सवार होकर निकले थे इसी दौरान भितरवार करेरा के बीच रास्ते में गाड़ी को रोककर गाड़ी में रखें जैक और पाने ;टामी, के जरिए महेश के सिर पर कई बार कर महेश को मौत के घाट उतार दिया।
इसके बाद पुष्पेंद्र और धर्मवीर ने बोरे में शव और पत्थर बांधकर सिंध नदी में शव को फेंकना चाहाए लेकिन कीचड़ होने के कारण कार मिट्टी में फंस गई। इसके चलते पुष्पेंद्र और धर्मवीर मृतक महेश का शव अमोला पुल के नीचे सिंध नदी किनारे फेंककर फरार हो गए थे।