शिवपुरी। विद्यार्थियों के लिए परीक्षा की तैयारी हेतु अनुकूल वातावरण को दृष्टिगत रखते हुए एवं सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशानुसार लाउड स्पीकर अथवा ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाये जाने हेतु निर्देशित किया गया है।
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट रवीन्द्र कुमार चौधरी ने उक्त निर्देशों के अनुक्रम में संपूर्ण शिवपुरी जिला को साइलेंस जोन घोषित किया है। इस दौरान विहित प्राधिकारी की लिखित अनुज्ञा के बिना ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर रात्रि 10 बजे से प्रातः 06 बजे तक पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।
जारी आदेश के तहत शिवपुरी जिला अंतर्गत वार्षिक परीक्षा वर्ष 2023 को दृष्टिगत रखते हुए राजनैतिक, सार्वजनिक, वैवाहिक, धार्मिक एवं अन्य कार्यक्रमों में लाउडस्पीकर, ध्वनि विस्तारक यंत्र, डीजे बैंड के अनियंत्रित उपयोग से होने वाली जन परेशानी, ध्वनि प्रदूषण व शांति व्यवस्था के हित में मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा 18 के अंतर्गत 22 फरवरी से आगामी आदेश तक सम्पूर्ण शिवपुरी जिले की राजस्व सीमाओं को कोलाहल नियंत्रण क्षेत्र (सायलेंस जोन) घोषित किया जाता है।
इस दौरान विहित प्राधिकारी की लिखित अनुज्ञा के बिना ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर रात्रि 10 बजे से प्रातः 06 बजे तक पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। उक्त अधिनियम की धारा 2 (घ) के अंतर्गत शिवपुरी जिले में पदस्थ समस्त अनुविभागीय दण्डाधिकारी, तहसीलदार एवं अतिरिक्त / नायब तहसीलदारों को उनके मुख्यालय क्षेत्रांतर्गत उक्त अधिनियम के तहत विहित प्राधिकारी घोषित किया जाता है। उक्त निर्देशों के अनुपालन में राजनैतिक, सार्वजनिक, वैवाहिक, धार्मिक एवं अन्य कार्यक्रमों के लिए लाउडस्पीकर, ध्वनि विस्तारक यंत्र, डीजे बैण्ड आदि के प्रयोग विहित प्राधिकारी की लिखित अनुज्ञा के बिना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।
आम सभा, जुलूस एवं प्रचार कार्य हेतु लाउड स्पीकर अथवा ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग की अनुमति सुबह 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक दी जा सकेगी। रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे के बीच किसी भी स्थिति में अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी। बिना अनुमति के लाउड स्पीकर, ध्वनि विस्तारक यंत्र, डीजे बैण्ड का उपयोग करने पर या अनुमति के निर्दिष्ट अवधि के पश्चात् लाउडस्पीकर या संबंधित उपकरण के उपयोग की दशा में संबंधित उपकरण जप्त कर लिये जाएंगे।
यदि कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो उसके विरूद्ध मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 एवं भारतीय दंड विधान 1860 की धारा 188 के अंतर्गत तथा अन्य सुसंगत अधिनियमों के तहत दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।