शिवपुरी। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा जातिवाद को बढ़ावा देने के लिए पण्डितो को दोषी ठहराने के बयान की अखिल भारतीय ब्राह्यण महासभा सनातन जिला शिवपुरी द्वारा कड़े शब्दों में निंदा की है। अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा सनातन के जिलाध्यक्ष पं. पुरुषोत्तम कांत शर्मा ने कहा कि मोहन भागवत के इस बयान से ब्राह्मण समाज के सम्मान पर ठेस पहुंची है। ब्राह्मण समाज हमेशा सभी समाजों के कल्याण के लिए कार्य करता है जातिवाद नहीं करता है। वर्ण व्यवस्था के जनक तो मनु हैं जो क्षत्रिय थे न कि ब्राह्मण, ब्राह्मण की नजर में सभी समाज बराबर हैं।
एक ओर देश में जातिवाद को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा हैं वहीं दूसरी मोहन भागवत द्वारा इस तरह एक समाज को टारगेट कर इस तरह की बयानबाजी करना गलत है। ब्राह्मण महासभा मोहन भागवत के खिलाफ ज्ञापन देगी जिसकी तिथि की घोषणा राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारियों से चर्चा की जाएगी।
मोहन भागवत की तरह पूर्व में शिवपुरी जिले के भाजपा नेता प्रीतम लोधी ने भी पण्डितों को लेकर इसी तरह की बयानबाजी थी, प्रीतम का जो हश्र हुआ वह सार्वजनिक है। यदि मोहन भागवत अपने बयान पर माफी नहीं मांगते तो उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन देश भर में किया जाएगा। मोहन भागवत आरएसएस के माध्यम से जातियों से आपस में लड़वाने का काम कर रहे हैं।
यदि आरएसएस इसी एजेंडे पर काम कर रही है तो देश कैसे एकता के सूत्र में बंधेगा। ब्राह्मण समाज ने हमेशा सर्व कल्याणकारी सोच के साथ कार्य करता है, आध्यात्मिक कार्य ब्राह्मण समाज के द्वारा किए जाते हैं जिससे देश में शांति एवं सकारात्मक वातावरण बना रहे है। ब्राह्मण समाज के लिए देश हित सर्वोपरि रहता है लेकिन आरएसएस प्रमुख के इस बयान से ब्राह्मण समाज के आत्मसम्मान को चोट पहुंची है। पूरे देश के ब्राह्यण समाज में आरएसएस के इस बयान से रोष की स्थिति है। यदि मोहन भागवत की ऐसी सोच है तो वे आरएसएस प्रमुख जैसे जिम्मेदारी भरे पद पर रहने लायक नहीं हैं, उन्हें तत्काल इस पद को छोड़ देना चाहिए।