होटल PS में आयोजित धर्म सभा, माता-पिता की सेवा सबसे बड़ा धर्म-भरत दास आचार्य महाराज- Shivpuri News

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शिवपुरी।
मनुष्य का सबसे बड़ा धर्म है माता-पिता की सेवा करना। संसार में आए मनुष्य में मातृ देवो भव:, इत्र देवो भव:, अतिथि देवो भव: और गुरुदेवों भव: का भाव होना चाहिए। इन चार भावों के मन में होने से मनुष्य को सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह बात शिवपुरी पधारे राष्ट्रीय संत, परम पूज्य संत 108 स्वामी श्री भरत दास आचार्य महाराज ने अपने भक्तों को प्रवचन में कही।

होटल पीएस में आयोजित धर्म सभा में स्वामी श्री भरतदासाचार्य महाराज ने कहा कि मात-पिता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। धर्मसभा के दौरान राष्ट्रीय संत, परम पूज्य संत 108 स्वामी श्री भरतदासाचार्य महाराज का स्वागत व अभिनंदन किया गया। इस मौके पर में राष्ट्रीय संत भरतदास आचार्य महाराज ने बताया कि भारतवर्ष के विभिन्न प्रांतों मे 107 श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ पूर्ण होने के उपरांत 108 वां श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ वृंदावन धाम में 19 नवंबर 2023 से 27 नवंबर 2023 तक आयोजित होने जा रहा है। इसी क्रम में राष्ट्रीय संत भरत दास ने अपने भक्तजनों को उक्त कार्यक्रम में आमंत्रित किया।

अभी तक हुए 107 श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में से वर्ष 2004 में 81वा श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ एवं त्रिवेणी संगम नवंबर 2004 को गांधी पार्क शिवपुरी में संपन्न हुआ था। शिवपुरी में वर्ष 2004 में हुए इस महायज्ञ के दौरान बड़ी संख्या में भक्तजनों का जुड़ाव श्री भरत दास आचार्य महाराज से हुआ। अब जो 108 वां श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ वृंदावन धाम में 19 नवंबर 2023 से होने जा रहा है उसके लिए महाराज ने अपने सभी भक्तों को उक्त कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया।

इस दौरान वृंदावन धाम शिवपुरी वासियों के आगमन के लिए एक टीम बनाई गई है। इस टीम में दस लोग होंगे। इसके लिए सुरेंद्र शर्मा शर्मा मिष्ठान को मुख्य कार्यकर्ता का भार सौंपा गया। आनंद गोयल के साथ ही अन्य दस लोगों की टीम इसमें रहेगी। इस मौके पर सरवाईकल सेवा देने वाले समाजसेवी भरत अग्रवाल का सम्मान महाराज जी द्वारा किया गया। वहीं सभी भक्तजनों ने महाराज जी से आर्शीवाद लिया और बाद में प्रसादी का वितरण भी हुआ। धर्म सभा के मंच का संचालन बृजेश सिंह तोमर ने किया। इस मौके पर श्री वैष्णव आश्रम शिष्य परिवार से जुड़े सदस्यगण मौजूद रहे।