शिवपुरी। शिवपुरी के पडोसी जिले के श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में दूसरी बार विदेशी चीता आ चुके है,लकिन शिवपुरी में टाइगर आने की बार बार तारिख बदल रही थी। शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क में फ्री रेंज टाइगर लाने की स्वीकृति मिलने के पार्क प्रबंधन ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली थी। शिवपुरी की मीडिया खबरें भी प्रकाशित कर रही थी कि टाइगर तैयार लेकर माननीय नही तैयार।
कुल मिलाकर अब टाइगर आने की तारीख फाइनल हो चुकी है। बताया जा रहा है कि अगर सब कुछ सही रहा तो शिवपुरी में 4 मार्च को टाइगर आ जाऐगें। यह शिवपुरी के लिए पर्यटन की दिशा में मिल का पत्थर होगा। नेशनल पार्क में चार मार्च को एक नर और दो मादा बाघ लाए जाए हा रहे है।
नर बाघ भोपाल से और मादा पन्ना से
नर बाघ भोपाल वन विहार से लाया जा रहा है। जिसके सतपुडा में पहले की इन्क्लौजर में रखा हुआ है। मादा बाघ को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नही है,लेकिन इनमे से एक मादा पन्ना रिजर्व की बताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि नेशनल पार्क प्रबंधन ने अपनी ओर से तैयारियां तक जनवरी के मध्य तक पूरी कर ली थीं, लेकिन ऊपर से हरी झंडी मिलने का इंतजार था। अब आखिरकार भोपाल से हरी झंडी मिल गई है। और अधिकारियों से मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम का ब्यौरा मांगा गया है। इसमें इवेंट फ्लो के साथ यह जानकारी भी मांगी गई है कि किस अधिकारी की क्या भूमिका रहेगी।
शिव-महाराज की जोडी आ सकती हैं शिवपुरी
आगामी सप्ताह में तैयारियों की जानकारी के साथ कार्यक्रम का ब्यौरा भोपाल भेज दिया जाएगा। संभवतः मुख्यमंत्री के साथ केंद्रीय मंत्री सिंधिया इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। टाइगर प्रोजेक्ट के लिए अनुमतियां दिलाने में उनका खासा योगदान रहा है और मंच से कई बार वे शिवपुरी को दी जाने वाली इस सौगात का जिक्र भी कर चुके हैं। उल्लेखनीय है टाइगर को माधव नेशनल पार्क में पुनर्स्थापित किया जा रहा है जिसके तहत पहले चरण में तीन टाइगर यहां लाए जा रहे हैं।
विशेष पिंजरे में लाएगें
बाघों अलग-अलग नेशनल पार्क से लाए जा रहे हैं। इन्हें लाने के पहले ट्रेंकुलाइज किया जाएगा और फिर विशेष पिंजरा से शिवपुरी नेशनल पार्क लाया जाएगा। इन्हें बाड़े में छोड़ने की भी विशेष व्यवस्था की गई है। अतिथि बाहर से पहिया घुमाकर पिंजरे का गेट खोलेंगे और टाइगर उनके लिए बनाए गए विशेष बाड़े में चले जाएंगे।
तीन बाड़े बनाए गए हैं
बाघों को नए वातावरण से अभ्यस्त करने के लिए शुरुआती 15 दिनों तक बाड़े में रखा जाएगा। इसके लिए एक बड़ा ओवल आकार का बाड़ा बनाया गया है जिसे तीन हिस्सों में बांटा गया है। प्रथम चरण में एक नर और दो मादा बाघ आ रहे हैं। नर बाघ को दोनों मादा बाघों के बीच में रखा जाएगा। इनके बीच जालियां रहेंगी जिससे यह एक-दूसरे के संपर्क में नहीं आ पाएंगे, लेकिन सूंघ सकेंगे। बाड़े में 16 फीट ऊंची जाली लगाई गई है। मॉनिटरिंग के लिए स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
इनका कहना है
नेशनल पार्क में टाइगर पुर्नस्थापित किए जा रहे हैं। इसके लिए चार मार्च की तिथि तय की गई है। हम तय कार्यक्रम के अनुसार बाघ लेकर आएंगे। इससे पार्क में पर्यटन बढ़ेगा और यहां का इकोसिस्टम भी बेहतर होगा। -
उत्तम कुमार शर्मा, सीसीएफ सिंह परियोजना