शिवपुरी। शिवपुरी जिले में भाजपा की विकास यात्रा निकाली जा रही हैं। यह अपने विकास कार्यों के लिए नही विवादों के अधिक चर्चा हो रही है। पिछोर क्षेत्र में विकास यात्रा का विरोध कर रहे युवको को सीधे जेल का रास्ता दिखा दिया,वही करैरा में राज्यमंत्री को अपने अधिकारियों के खिलाफ बोलना पड़ा,कोलारस में अब मूल भाजपाई और कनवर्ड भाजपाई का विषय भाजपा की विकास यात्रा में विवाद का कारण बना।
जिले भर में भाजपा द्वारा निकाली जा रही विकास यात्रा के क्रम में शुक्रवार को कोलारस के ग्राम लेबा में विकास यात्रा का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान मंच पर कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी और पूर्व जनपद अध्यक्ष गोवर्धन सिंह यादव में काफी बहस हो गई। विवाद की शुरुआत कार्यकर्ताओं सहित जनप्रतिनिधियों की अनदेखी सहित विवादित बयान से शुरू हुई।
जानकारी के अनुसार ग्राम लेवा में जब विकास यात्रा का कार्यक्रम चल रहा था तो वहां विधायक ने शिला पट्टिकाओं का पूजन करते समय स्थानीय सरपंच भरत सिंह यादव की अनदेखी की। इसके अलावा जब मंच पर बैठने की बात आई तो विधायक के साथ शिवपुरी से पहुंचे कार्यकर्ताओं को मंचासीन कर दिया गया जबकि स्थानीय कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई। मंच से स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं कार्यकर्ताओं को संबोधित ही नहीं किया गया। इतना सब होने के बाद विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने अपने बयानों में यहां तक कह दिया कि गांव के कुछ नेता बहुत दादागिरी दिखाते हैं और धमकी भी दी है।
इस बात पर पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष गोवर्धन सिंह यादव को बात बुरी लग गई। इस पर उन्होंने विधायक वीरेंद्र रघुवंशी के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि यहां दिया कि हम कभी डाका नहीं डालते हैं और न ह दो नंबर का काम करते हैं।
इस पर विधायक ने कहा कि मैंने आपका नाम तो नहीं लिया कि आपने धमकी दी है। यह मुंहवाद इस हद तक बढ़ गया कि गोवर्धन यादव ने विधायक से यह तक कह दिया कि आप हमें पार्टी गाइड लाइन आदि के बारे में क्या बताओगे। हम यहाँ 1975-80 से भाजपा के झंडे लगा रहे हैं, जब कोई भाजपा का नाम लेने तैयार नहीं होता था। आप तो दल बदल कर भाजपा में आए हो, इसलिए दलबदलू भाजपाई हो। इस पूरे मामले में जब विधायक वीरेंद्र रघुवंशी को फोन लगाए गए तो उन्होंने दो बार कॉल काट दिए ।
क्यों हुआ विवाद
पूर्व जनपद अध्यक्ष गोवर्धन यादव के अनुसार पिछली बार उनका भाई बृजभान सिंह यादव सरपंच था। मानपुर आदिवासी बस्ती में आदिम जाति कल्याण विभाग से एक बोर स्वीकृत हुआ था। बोर करने के लिए जब मशीन आई तो विधायक वीरेंद्र रघुवंशी का कार्यकर्ता केसरी धाकड़ वहां यह जताने के लिए पहुंच गया कि बोर विधायक ने स्वीकृत करवाया है, जबकि मेरे भाई ने वहां यह कह दिया कि इसमें विधायक साहब का क्या है? इसी बात पर विधायक नाराज हो गए और उसी प्रकरण को लेकर उन्होंने कहा कि यहां के नेता धमकी देते हैं। उनका यही बयान विवाद की वजह बना।
गोवर्धन के अनुसार उन्होंने स्थानीय सरपंच तक की अनदेखी की। शिवपुरी के युवकों को लाकर मंच पर बिठाया जबकि स्थानीय कार्यकर्ताओं को नहीं। बकौल गोवर्धन सिंह यादव विधायक को वोट तो यहां से लेने हैं और चुनाव में काम यहां के कार्यकर्ताओं से करवाना है न कि शिवपुरी के कार्यकर्ताओं से।