संजीव जाट @ बदरवास। जिले के कोलारस अनुविभाग के बदरवास नगर के वार्ड क्रमांक 11 में रहने वाले एक परिवार के 2 बच्चे चलते फिरते हुए अब अचानक के अपंग हो गए है। नीचे के पैर काम नही कर रहे। अब बच्चे स्वयं शौच के लिए भी नही जा सकते है। परिवार में 3 बेटे है 2 बेटो को इस बीमारी के घेरने के बाद तीसरे बेटे की भी चिंता सता रही है। परिवार बेटों के इलाज के लिए 15 बीघा जमीन बेच चुका है,देश के तमाम महानगरों मे इलाज करा चुका है लेकिन सही होने की बजाय बीमारी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
बदरवास नगर के वार्ड 11 निवासी धनपाल उर्फ धन्नू परिहार के दो पुत्र रितिक (उम्र 12 वर्ष) एवं नैतिक (उम्र 10 वर्ष) हैं। दोनों बेटे आठ वर्ष तक की उम्र तक शारीरिक रूप से स्वस्थ होकर चलते-फिरते थे। लेकिन एक वर्ष के अंतराल में दोनों भाइयों को मांसपेशियों में गड़बड़ी होने की वजह से वो चलने-फिरने में पूरी तरह से असमर्थ हो गए। रितिक व नैतिक अपने दोनों पैरों से पूरी तरह के दिव्यांग होने से परेशान माता-पिता ने उनका इलाज कराने के लिए इंदौर व भोपाल में डॉक्टरों से इलाज कराया, जिसमें उनकी 15 बीघा जमीन भी बिक गई। बावजूद इसके दोनों बच्चों को कोई लाभ नहीं मिला तथा वे आज भी घिसट कर ही चल रहे हैं। अब इन बच्चों का स्कूल जाना भी बंद हो गया है।
बदरवास की बिटिया ने विदिशा में परिवार सहित कर चुकी है आत्महत्या
वर्ष 2013 में डॉक्टर कमला किशन दुबे जी के बेटी नीलम की शादी हुई थी और उन्हें भी इसी बीमारी ने घेर लिया था इसके चलते उन्होंने अपने परिवार सहित आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ा क्योंकि इस बीमारी में उनका कोई उपचार नहीं हो पाया इसके कारण उन्होंने यह निर्णय लिया यही हालत इस परिवार के ऊपर बनते जा रहे हैं 15 बीघा जमीन भी भेज दी उसके बावजूद भी उनके दोनों पुत्रों को कोई आराम नहीं है
क्या कहते है डॉक्टर
मामला संज्ञान में है हमारी स्वास्थ्य वाक्य टीम उनके पास जाकर इस पूरे मामले की पड़ताल करेगी एवं उनकी उपचार का हर संभव प्रयास भी किया जाएगा मामला क्या है यह जांच उपरांत पता चलेगा
संजय ऋषिवर,जिला टीकाकरण अधिकारी