अतुल जैन @ बमौरकला। खबर पिछोर विधानसभा की अंतिम पंचायत बमोरकलां ग्राम पंचायत से आ रही है। पंचायत का पूर्वा चक्क बामौरकलां में स्थित एक किसान के फार्म हाउस में खडा वर्षो पुराने नीम के पेड़ से दूध जैसा तरल पदार्थ निकल रहा है। किसान दयाराम जाटव ने बताया कि पेड़ से दूध पिछले 20 दिनो से निकल रहा है लेकिन आज इसकी मात्रा अधिक हो गई और पेड़ के तने से धार बनकर नीचे गड्ढे में यह दूध जमा हो रहा है।
दयाराम जाटव ने बताया कि उसका 20 बीघा का कृषि फार्म है पहले इस पेड़ से थोडा थोडा से दूध जैसा तरल पदार्थ निकलता हुआ दिखाई दिया था,लेकिन आज यह पदार्थ धार बनकर पेड़ के तने से धार बनकर नीचे की ओर बहने लगा,जो पेड़ के नीचे बने एक गड्ढे में एकत्रित होने लगा। मैंने आज इसकी जानकारी गांव के अन्य लोगो को दी।
आस्था मानकर शुरू हो पाठ पूजा
जब लोगों को पता चला कि नीम के पेड़ से दूध निकल रहा है लोगों ने जाकर देखा तो आस्था समझकर पूजा पाठ शुरू कर दी है। सुबह से इस चमत्कार को देखने आस पास के ग्रामीण पहुच रहे है। इस दूध को चमत्कारिक मान कर आमजन इसका चरणामृत की तरह पी भी रहे है। एक भक्त ने इस दूध का स्वाद मीठा बताया तो एक ने नीम जैसा कसैला।
चमत्कार के साथ जुड़ गई एक और घटना
जैसे ही लोग इस चमत्कार को देखने के लिए पहुंचे और पूजा पाठ शुरू की तो पेड़ के पास रखे पत्थरों से 2 सर्पराज निकल कर खेतो में समा गए। आज संक्रांति का दिन है लोग मान रहे है कि यह दूध प्रकृति ने सर्पराज के लिए इस नीम के पेड़ से निकाला होगा,अब लोग इस घटना का वर्णन अपने अपने हिसाब से कर रहे है।
यह है वैज्ञानिक कारण पेड़ से दूध जैसा तरल पदार्थ निकलने का
देश में नीम के पेड़ से दूध जैसा तरल पदार्थ निकलने की कई घटना सामने आ चुकी है। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि यह पेड़ की उपस्थित पोषक तत्वों की प्रक्रिया के कारण ऐसा होता हैं, जड़ से पूरे वृक्ष को पौष्टिक तत्व मिलता है। जाइलम द्वारा पौष्टिक तत्व को तने तक पहुंचाया जाता है।
वहां से फ्लोएम द्वारा पेड़ की टहनियों व पत्तियों तक इसे पहुंचाने का कार्य किया जाता है। कोशिकाओं द्वारा यह कार्य संपन्न की जाती है। जाइलम के फटने के कारण नीम के पेड़ से दूध जैसा तरल पदार्थ निकल रहा है। स्टेप्लोसाइक्लीन व ऑक्सीक्लोराइड का घोल बनाकर छिड़काव करने से इस समस्या का समाधान हो जाएगा।