पावर लेस हो गए जिला पंचायत-जनपद अध्यक्ष, ट्रांसफर में दखल नहीं, फाइल अनुमोदन को नही- Shivpuri News

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शिवपुरी।
जुलाई 2022 में जिला पंचायत अध्यक्ष बने लोगों के पास इन दिनों दफ्तर में कोई काम नहीं है। न तो उनसे किसी फाइल पर साइन कराए जाते हैं और न ही किसी काम में उनकी राय ली जाती है। वे तो जिला पंचायत कार्यालय आकर बीते 5 महीने से सिर्फ ग्रामीणों की समस्याएं सुन रहे हैं और संबंधित अधिकारियों से बात करके उनके समाधान कराने की गुहार लगाते हैं। यही कारण है कि जिला पंचायत कार्यालय में सप्ताह में उनका आना गिनती के तीन-चार दिन ही होता है।

इसके पीछे वजह, जिला पंचायत अध्यक्ष के पास कोई पावर का नहीं होना है। 2014 के पहले तक अध्यक्ष के पास जिला पंचायत में होने वाले सभी तरह के कामों की फाइलें अनुमोदन के लिए आती थीं। अध्यक्ष की अनुशंसा पर शिक्षकों की भर्ती और उनकी पोस्टिंग तक हो जाती थी। सचिवों सहित अधिकारियों के ट्रांसफर तक अध्यक्ष के कहने पर कर दिए जाते थे, लेकिन वर्तमान में ऐसा एक भी अधिकार अध्यक्ष के पास नहीं है।

इसी तरह जिला पंचायत उपाध्यक्ष को भी अध्यक्ष के समकक्ष अधिकार मिलते थे। कुछ मामलों में तो उपाध्यक्ष की ही मर्जी से काम होता था, लेकिन वर्तमान में जिला पंचायत अध्यक्ष से लेकर जनपद अध्यक्ष तक सभी सिर्फ नाम के रह गए हैं। कुछ सदस्यों ने बताया कि 2003 के बाद से सभी तरह के वित्तीय अधिकार भी धीरे-धीरे खत्म कर दिए गए हैं। सीधे कहें तो वर्तमान में जिला पंचायत के समस्त अधिकार शून्य हो चुके हैं।

इधर, जिला पंचायत अध्यक्ष संघ के प्रदेश पदाधिकारी भी फिलहाल इस पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। उनका कहना है कि संघ की ओर से मुख्यमंत्री से वक्त मांगा गया है। मुख्यमंत्री से मुलाकात करके उनसे अध्यक्षों के अधिकारों को लेकर चर्चा की जाएगी।

-जिला पंचायत अध्यक्ष करेंगे इन अधिकारों की माँग 

जिपं के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की गोपनीय चरित्रावली लिखने का अधिकार ।
जिपं में होने वाले स्थानांतरण अध्यक्ष की अनुमति पर आवश्यक रूप से ली जाए। भत्ते डीजल मानदेय को बढ़ाकर 1 लाख किया जाए। राज्य मंत्री के प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित है। स्वेच्छानुदान राशि विधानसभावार 25 लाख रुपए की जाए।
सम्पूर्ण भारत की तरह मप्र में भी 1994 का पंचायत राज अधिनियम लागू किया जाए।
जिपं अध्यक्ष का परिचय पत्र सांसद, विधायक की तरह जारी कर मान्यता दी जाए।
जिपं की फाइलों का निराकरण अध्यक्ष के अनुमोदन से हो।
मनरेगा से स्वीकृत कार्य अध्यक्ष के अनुमोदन से हों।

मंत्रियों की अनुपस्थिति में राष्ट्रीय पर्व पर जिले में ध्वजारोहण का अधिकार जिला पंचायत अध्यक्ष को दिया जाए। गौण खनिज की राशि को जिला पंचायत को वितरित करने के अधिकार प्रदान किए जाएं।

प्रदेशभर के जिला पंचायत अध्यक्ष संघ के पदाधिकारियों की मानें तो आगामी दिनों में सीएम से मुलाकात करके अध्यक्ष सहित जिला पंचायत के अन्य पदाधिकारी सदस्यों के - अधिकारों को लेकर चर्चा की जाएगी। जानकारी के मुताबिक संघ की ओर से सीएम को 11 सूत्रीय मांग पत्र तैयार किया गया है। भोपाल जिला पंचायत में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के अलावा 8 सदस्य भी हैं।