जबलपुर में सांसद खेल महोत्सव ना तो राष्ट्रीय पर्व था, ना जनता के हित में जरूरी और ना ही पर्यावरण अथवा पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण फिर भी पूरा दिन खर्च कर दिया। दिन भर कोई काम नहीं था। कभी गिल्ली डंडा खेल रहे थे। कभी कंचे खेल रहे थे। खेलो इंडिया खेलो का मैदान होता है तो समझ में भी आता। जबलपुर के सांसद की ट्रॉफी का मूल्य इतना ज्यादा कैसे हो गया।