काजल सिकरवार@ शिवपुरी। खबर भैस की पूछ हो लेकर नहीं है भैंस की पूछ यहां ग्रामीणों वैतरणी अर्थात नदी पार करती है। महुअर नदी बना स्टॉप डेम के कारण गांव के आम रास्ते पर पानी भर गया है। जिससे गांव के निवासियों को नदी से तैरकर पार करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि हम जनप्रतिनिधियों से और जनसुनवाई में दर्जनों आवेदन दे चुके है लेकिन हमारी समस्या जस की तस है।
जिले के पिछोर विभाग में आने वाले उमरी कला उमरी खुर्द (कनेरा कनेरी) गांव में लगभग 5 हजार आबादी निवास करती है गांव के पास ने निकली महुअर नदी पर सन 2004-2005 में स्टॉप डेम बना था,जिसका लेआउट गलत होने के कारण हमारे गांव से निकलने वाले आम रास्ते तक पानी आ गया वर्तमान समय में यह पानी 7 फुट है वर्षा काल में इसकी गहराई अधिक हो जाती है। इस कारण हमें गांव से निकलने में काफी परेशानी होती है।
मरीजो को ट्यूब और खटिया के सहारे पार कराना पकता है
ग्रामीण वीरेन्द्र ने बताया साल के 12 माह में लगभग 9 माह तक हमारे गांव के आम रास्ते में पानी भरा रहता है,हमे भैंस की पूछ या टूयूब ओर खटिया पर टूयुब बांधकर हमें नदी को पार करना पड़ता हैं। सबसे अधिक परेशानी आती है कि अगर गांव में कोई बीमार हो जाए तो उसे खटिया पर टृयूब बांधकर पार करना पडता है। रात के समय यह जंग लड़ने जैसा होता है। इलाज के अभाव में या देरी के कारण कई लोगों की मौत भी हो चुकी है।
गांव में 8वीं तक है स्कूल,बच्चे अशिक्षित रह गए
ग्रामीणों ने बताया कि हमारे गांव में 8वीं क्लास तक का स्कूल है इसके बाद बच्चों को पढने के लिए भौती जाना होता है। बच्चों को नदी पार करने में वह भी स्कूल के बैग के साथ बडी ही मुश्किल होती है या तो बच्चों को दूसरे गांव में रखो नहीं तो बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे है।
गर्भवती महिलाओं को परेशानी, सामान लेकर आने में दिक्कत
गांव के लोगों का कहना है कि गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी के समय काफी परेशानी का सामना करना पडता है। प्रसव के कुछ माह पूर्व ही हमें दूसरे गांव में शरण लेनी होती है या फिर घूम कर जाना पडता है। वही प्रतिदिन वाले समान को खरीदकर घर लाने में भी परेशानी होती है। हम ग्रामीणों ने कई बार नेताओं और अधिकारियों से गुहार लगाई है की नदी पार करने के लिए पुल या अन्य व्यवस्था की जाए लेकिन कोई सुनवाई नहीं है।