संतोष शर्मा, शिवपुरी। ग्राम पंचायतों के माध्यम से विकास कार्यों के लिए आई सरकारी धनराशि का दुरुपयोग करते हुए गबन करने वाले अथवा काहे की पैसों का आहरण करने के बाद कार्य पूर्ण ना करने वाले जनप्रतिनिधि एवं शासकीय सेवकों के विरुद्ध जिला पंचायत अधिकारी द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने के 30 जनों के उपरांत जेल वारंट जारी किए गए हैं,
यह सरपंच सचिवों को आखरी सूचना है। यदि समय रहते गबन की राशि को शासकीय तिजोरी में जमा नहीं कराया गया तो इन लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी तथा संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ की जाएगी।जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी उमराव सिंह मरावी द्वारा जिले की ग्राम पंचायत के 5 सरपंचों एवं 2 सचिवों को वसूली राशि वापस नहीं किए जाने के कारण म प्र पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा-92 (2) की उपधाराओं के अधीन जेल वारंट जारी किए है।
ग्राम पंचायत के 5 सरपंचों एवं 2 सचिवों में ग्राम पंचायत सिरसौद के तत्कालीन सचिव हरीश बैरागी, ग्राम पंचायत बरेला के तत्कालीन सचिव सतेन्द्र शर्मा, ग्राम पंचायत सिरसौद के तत्कालीन सरपंच रामदयाल धानुक, ग्राम पंचायत गौराटीला के तत्कालीन सरपंच श्रीमती शांति बाई, ग्राम पंचायत गणेशखेड़ा बदरवास तत्कालीन सरपंच श्रीमती रामकुअर लोधी, ग्राम पंचायत गणेशखेड़ा पिछोर तत्कालीन सरपंच श्रीमती रामप्यारी जाटव, ग्राम पंचायत विजयपुरा बदरवास के तत्कालीन सरपंच धंधूलाल शामिल है। जारी निर्देशों के तहत तत्कालीन सरपंच एवं सचिव जो कि ग्राम पंचायत में सरपंच व सचिव की हैसियत से ग्राम पंचायतो का अभिलेख या धन अपनी अभिरक्षा में रखता है
धन पंचायत को तत्काल परिदत्त करने के लिये लिखित सूचना दी गई है, परंतु संबंधित सरपंचों एवं सचिवों के द्वारा अभी तक धन वापस जमा नहीं किया गया। इनके द्वारा धन संदत्त करने से इंकार किया है। इस कारण संबंधित सरपंचों एवं सचिवों को 30 दिवस की कालावधि के लिये सिविल जेल मे परिरूद्व किये जाने हेतु संबंधित जेलर को थाना प्रभारियों के माध्यम से जेल वारंट जारी किये गये है।
यदि समय रहते उक्त व्यक्तियों के द्वारा पैसा जमा नहीं कराया गया तो इनके खिलाफ एफ आई आर के साथ ही सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उमराव मरावी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत शिवपुरी