कोलारस। शिवपुरी जिले के कोलारस नगर में बिजली विभाग के कम्प्यूटर आपरेटर ने अपने बॉस एइ के टेबल पर सुसाइड नोट छोड़कर कही चला गया। जब यह सुसाइड नोट मिला तो अधिकारियों सहित कर्मचारियों के हाथ पैर फूल गए। इस सुसाइड नोट के अनुसार आर्थिक तंगी और बढ़ती महंगाई में मिलने वाली सैलरी से काम नहीं चलता,जिससे पारिवारिक जिम्मेदारी उठाने में अक्षम होकर यह कदम उठा रहा है।
कोलारस बिजली विभाग के ऐई आशुतोष सिंह ने बताया की शिवपुरी शहर के पुरानी शिवपुरी के रहने वाला जफर अली कोलारस बिजली विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर आउटसोर्स कर्मचारी के तौर पर पदस्थ है। बीते रोज जफर शाम के समय अपना बैग मोबाइल और दो सुसाइड नोट ऑफिस के कमरे में छोड़कर चला गया था। फील्ड वर्क को निपटाने के बाद जब बिजली विभाग के बाबू विनोद राठौर कमरे में गए तो पाया कि जफर अली की टेबल पर उसका बैग, एक मोबाइल और दो पत्र रखे हुए थे जिन्हें पढ़कर सभी के होश उड़ गए थे आनन-फानन में कोलारस कस्बे में पदस्थ सभी कर्मचारियों को जफर की तलाश में जुटा दिया था। जफर के परिजनों को भी सूचित कर दिया था कई घंटों की तलाश के बाद जफर परिजनों को शिवपुरी के रेलवे स्टेशन पर मिल गया था इसके बाद परिजन उसे घर ले गए।
जफर अली ने ऑफिस के कमरे में जो सुसाइड नोट छोड़ा था उस पर लिखा हुआ था....
अस्सलाम वालेकुम मम्मी पापा.... मुझे माफ कर देना मैं अपनी जिंदगी खत्म करने जा रहा हूं। मैं जिंदगी से हार गया हूं मैं कहीं मरने जा रहा हूं। अगर मेरी लाश किसी को मिलेगी तो वह लोग आपके पास पहुंचा देंगे। मैं अपनी जिंदगी से हार कर अपनी जान देने जा रहा हूं। मुझे माफ कर देना। मेरी बीवी और मेरे बच्चे का बहुत ख्याल रखना। मैं जीना चाहता था लेकिन मैं अपने घरवालों की जरूरत पूरी नहीं कर पा रहा हूं मुझे माफ कर देना (पत्नी), मुझे माफ कर देना .....मम्मी पापा, मैं बहुत दिनों से मरने की सोच रहा था, लेकिन आज मैं मरने जा रहा हूं। मेरी लाश आप लोगों को मिले तो दादा के पास दफना देना। आप सभी लोग मुझे माफ कर देना। आपका बेटा..... जफर अली
मेरा बैग मेरे घर पहुंचा देना
जफर अली ने एक और नोट लिखकर अपनी टेबल पर विनोद राठौर के नाम छोड़ा हुआ था इस नोट में लिखा था कि.....विनोद भाई साहब आप मेरा बैग और मोबाइल मेरे घर पर पहुंचा देना और यह पत्र भी दे देना मेरे भाई का मोबाइल नंबर ××××××9186 है माफ कर देना मुझे..... जफर अली
एक साल पहले हुई थी शादी
बिजली विभाग के एई आशुतोष सिंह ने बताया कि जफर अली की शादी एक वर्ष पहले हुई थी हाल ही में उसे एक बच्चा भी हुआ था। जफर अली को वेतन के तौर पर दस हजार रुपए प्रतिमाह मिलते थे। संभव जफर अली खर्चे को लेकर परेशान था। इसका उल्लेख सुसाइड नोट में भी जफर ने किया था। इस मामले में जफर अली और उसके परिजनों से फोन पर बात करना चाही तो किसी से भी फोन पर बात न हो सकी है।