शिवपुरी का टाइगर सफारी प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में, पार्क में 375 वर्ग किलोमीटर जमीन,आवश्यकता है 1236 की- Shivpuri News

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शिवपुरी।
शिवपुरी का दुर्भाग्य है कि शिवपुरी में आने वाले प्रोजेक्ट में कोई न कोई अड़चन लग जाती है और काम समय पर पूर्ण नहीं होता है। शिवपुरी के विकास के लिए आवश्यक है कि इस पर्यटक नगरी में पर्यटन का बढ़ावा दिया जाए। नए प्रोजेक्ट विकसित किए जाए जिससे इस शहर का विकास संभव हो। शिवपुरी टूरिज्म के लिए दो प्रोजेक्ट माधव नेशनल पार्क में शुरू हुए थे,जिसमें टाइगर सफारी का प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया है।

माधव नेशनल पार्क में टाइगर लाने एवं टाइगर सफारी बनाने के प्रोजेक्ट एक साथ शुरू हुए थे। इनमें माधव नेशनल पार्क में टाइगर रिजर्व प्रोजेक्ट पर टाइगर लाने का पहला चरण तो लगभग पूरा होने की कगार पर आ पहुंचा, लेकिन अब टाइगर सफारी का प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया, क्योंकि उसके लिए जमीन नहीं मिल सकी।

अब शिवपुरी में टाइगर रिजर्व बनाने की तैयारी शुरू कर दी तथा इसके लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है। चूंकि टाइगर रिजर्व बनाने के लिए 1236 वर्ग किमी का जंगल चाहिए, लेकिन माधव नेशनल पार्क के पास महज 375 वर्ग किमी एरिया ही है, ऐसे में टाइगर रिजर्व के लिए फॉरेस्ट की जमीन को लेने के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है।

माधव नेशनल पार्क छोटा है

शिवपुरी का माधव नेशनल पार्क प्रदेश के अन्य पार्कों की तुलना में सबसे छोटा है, इसलिए टाइगर लाने के बाद उनके संरक्षण के लिए अतिरिक्त जंगल की जरूरत है। चूंकि माधव नेशनल पार्क में टाइगर आने के बाद उन्हें पूरे जंगल में विचरण के लिए जगह चाहिए, इसलिए जब अतिरिक्त जंगल मिल जाएगा तो फिर टाइगर को किसी तरह का व्यवधान नहीं होगा। यही वजह है कि टाइगर रिजर्व बनाया जाकर उसका एरिया बढ़ाए जाने की कवायद शुरू हो गई।

फॉरेस्ट के पास है 3500 वर्ग किमी

माधव नेशनल पार्क 375 वर्ग किमी एरिया में है, जबकि सामान्य वन के पास 3500 वर्ग किमी एरिया है। यही वजह है कि माधव नेशनल पार्क प्रबंधन ने शासन को भेजे प्रस्ताव में यह मांग की है कि सामान्य वन की जमीन में से लगभग 900 वर्ग किमी जमीन टाइगर रिजर्व के लिए हस्तांतरित कर दी जाए। पार्क प्रबंधन उक्त जमीन मिलने के लिए इसलिए भी 'आशान्वित है, क्योंकि पिछले महीने में शिवपुरी दौरे पर आए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने मंच से यह कहा था कि टाइगर बसाने के लिए जो भी जरूरी होगा, वो हम करेंगे।

इनका कहना है
टाइगर सफारी का प्लान तो फिलहाल टल गया है, लेकिन टाइगर रिजर्व का प्रस्ताव हमने भेजा है। चूंकि शिवपुरी का माधव नेशनल पार्क प्रदेश के अन्य पार्कों की तुलना में सबसे छोटा है, इसलिए फॉरेस्ट की जमीन को हस्तांतरित किए जाने का मांग पत्र भेजा है।
उत्तम शर्मा, CCF माधव नेशनल पार्क शिवपुरी