रन्नौद। खबर जिले के रन्नौद नगर परिषद में प्रधानमंत्री आवास योजना किस्त डलवाने के एवज में 9 हजार की रिश्वत लेने का मामला सामने आया है। जिसका आरोप वार्ड क्रमांक 1 पार्षद पर लगाए गए हैं मामले में पैसों का लेनदेन ऑनलाइन हुआ था। इस मामले को लेकर बुधवार को एक शिकायती आवेदन पुलिस अधीक्षक को दिया है और निष्पक्ष जांच करने की मांग की है।
जानकारी के अनुसार प्रदीप जाट निवासी गिल्टोरा ने पार्षद उमेश उपाध्याय पर आवास योजना की किस्त डलवाने के एवज में नौ हजार रुपए वसूलने के आरोप लगाए थे। प्रदीप का कहना था कि मेरे पिताजी का कुछ दिनों पहले देहांत हो गया था। कुटीर मेरी मां के नाम से आई थी। पार्षद ने मुझसे आवास योजना की किश्त के एवज में 9 हजार रुपए ले लिए थे। इसके बाद भी पार्षद ने दस हजार रुपए की मांग कर रहे थे। 20 नवंबर को 9 हजार ऑनलाइन पार्षद के खाते में डलवा भी दिए थे। इसके बावजूद पार्षद द्वारा पैसों की मांग की जा रही थी इसकी शिकायत संबंधित अधिकारी से की कर दी थी।
पार्षद ने रिश्वत वाली बात से किया इन्कार
पार्षद उमेश उपाध्याय का कहना है कि मैंने किसी से कोई किस्त डलवाने के पैसे नहीं लिए हैं। प्रदीप जाट मेरा मिलने वाला था। प्रदीप की बहन ने 9 हजार रुपए अपने भाई प्रदीप को दे दिए थे। यह पैसे प्रदीप से खर्च हो गए थे। प्रदीप की बहन को मोबाइल खरीदना था। प्रदीप ने किसी परिचित से पैसे मेरे खाते में डलवा दिए थे। उक्त पैसे उसी रोज प्रदीप ने नगद भी ले लिए थे।
पालतु कुत्ते की मौत से शुरू हुआ था विवाद
एसपी ऑफिस शिकायत दर्ज कराने पहुंचे पार्षद उमेश ने बताया कि 11 दिसंबर की रात अपनी बाइक से जा रहा था। इसी दौरान प्रदीप का पालतू कुत्ता उसकी बाइक के सामने आ गया। जिससे उसकी मौत हो गई थी। प्रदीप ने इसकी शिकायत थाने में दर्ज कराई थी और राजीनामे के एवज में 25 हजार रुपए की मांग प्रदीप के द्वारा की गई थी। उक्त पैसे देने से उसने मना कर दिया था। इसी बात से प्रदीप नाराज हो गया और उसने उसे झूठे केस में फंसाने की धमकी भी दी थी।
इस मामले में प्रदीप जाट का कहना है कि उसने एक जर्मन शेफर्ड नस्ल का कुत्ता 14 हजार रुपए में खरीदा था। 6 महीने तक उसने उसकी देखरेख में कई पैसे खर्च किए थे। इसीलिए उसने 25 हजार रुपए की मांग पार्षद से की थी।