रन्नौद। जैन समुदाय रन्नौद एवं अकाझिरी द्वारा आज सुबह के वक्त रन्नौद नगर के मार्गो से एक मौन जुलूस निकालकर रन्नौद तहसीलदार अरुण सिंह गुर्जर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल बनाने के विरोध में जुलूस निकाला। गया ए
बताया गया है कि तत्कालीन सरकार झारखंड की अनुशंसा पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा झारखंड में स्थित गिरिडीह जिले के मधुबन में स्थित जैन शाश्वत तीर्थ श्री सम्मेद शिखरजी पारसनाथ पर्वत राज को बन जीव अभ्यारण का एक भाग घोषित कर पर्यटन स्थल बनाए जा रहा है जिसके विरोध में सभी जगह जैन समाज ने एक मौन धारण कर जुलूस निकाल कर अपना विरोध दर्ज कराया है
ज्ञापन में बताया है कि यदि भारत सरकार ने इस को तत्काल प्रभाव से नहीं हटाया गया तो हम धरना प्रदर्शन भी करेंगे हमारे धर्म को आघात पहुंचाने वाली घटना है इसके, बनने से मधुबन को मांस मदिरा बिक्री आदि प्रचलित हो जाएगी हमारी सरकार से मांग है कि पर्वतराज की वंदना मार्ग को अतिक्रमण वाहन संचालन बा अन्य सामग्री बिक्री कर यात्री पंजीकरण सामान्य जांच हेतु सीआरपीएफ स्कॉलर सीसीटीवी कैमरे, चेकपोस्ट चिकित्सा सुविधा सहित बनाया जाए। पर्वतराज से पेड़ों का अवैध कटाव, अवैध उत्खनन महुआ के लिए लगाना प्रतिबंध हो।