काजल सिकरवार @ शिवपुरी। खबर आज मंगलवार को जनसुनवाई के कार्यक्रम से आ रही है कि पिछले कई वर्षो से न्याय के लिए भटक रही पीड़िता और उसके पति ने आज न्याय ने मिलने के कारण जनसुनवाई में पेट्रोल उड़ेल कर आग लगाने की कोशिश की,लेकिन वहां पर मौजूद अधिकारियों ने उसे रोक लिया। पीडिता और उसके पति का कहना था कि उसने जनसुनवाई में कई बार आवेदन दिया है लेकिन उसको आज तक न्याय नहीं मिला है।
पिछोर अनुविभाग के बामौर कलां थाना क्षेत्र की सीमा में आने वाले थाने हसर्रा के रहने वाले पति और पत्नी सहित उसका दिव्यांग बेटा आज जनसुनवाई में पहुंचे थे पति ने बताया कि उसका घर वालो से जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। उसके हिस्से की जमीन घर वालो ने मेरे अनपड पिता से फर्जी हस्ताक्षर कर अपने नाम करा ली हैं। मेरे ऊपर फर्जी केस लगाकर जेल भिजवा दिया है और मेरी पत्नी का सामूहिक बलात्कार करवाया गया हैं। पिछले कई वर्षो से में न्याय की गुहार लगा रहा है लेकिन न्याय नहीं मिला।
पहले मामला समझने का प्रयास करते हैं
जिस महिला ने पेट्रोल डालकर कलेक्टर में सीन क्रिएट किया,मामले में दिए गए आवेदन के अनुसार सिरनाम लोधी का जमीन विवाद परिवार में चल रहा हैं। सिरनाम लोधी के पिता मर्दन लोधी ने अपने दोनो बेटो के बीच जमीन का बंटवारा किया था। सिरनाम और उसके भाई का अपनी जमीन में बराबर का हिस्सा दिया था और कुछ जमीन अपने हिस्से में रख ली थी।
सिरनाम का पिता मर्दन सिरनाम के साथ नही रहकर अपने दूसरे बेटे के साथ रहता है जो मर चुका हैं। मर्दन ने अपने हिस्से की जमीन अपनी दूसरे बहू के नाम करा जी उस जमीन का सर्वे नंबर 573 और 574 हैं। सिरनाम का कहना था कि इस जमीन से भी मुझे हिस्सा चाहिए। यह मामला पिछोर तहसील न्यायालय से लेकर कमिश्नर न्यायालय तक गया और प्रत्येक बार बार सिरनाम की हार हुई है,इसी बात का विवाद सिरनाम से परिवार में चल रहा हैं।
जेल गया था आर्म्स एक्ट में
सिरनाम लोधी ने कलेक्टर को दिए गए आवेदन में स्वयं ने दिए गए आवेदन में बताया है कि उसे जेल भेजा गया था,सिरनाम लोधी को आर्म्स एक्ट में 2 साल पूर्व जेल भेजा गया था,सिरनाम ने इस मामले की कई बार सीएम हेल्पलाइन की शिकायत की हैं। इस सीएम हेल्पलाइन की शिकायत का उल्लेख देश के पीएम को भेजी गई शिकायत में की है। आज कलेक्ट्रेट कार्यालय में भी मीडिया के समक्ष सिरनाम ने दर्जनों आवेदन बताए थे।
सिरनाम की भाभी ने सुशीला ने कहा कि नगर रक्षक होना पाप नहीं है
इस मामले में सिरनाम के भाई स्वः कोमल लोधी की पति सुशीला लोधी से बातचीत की तो सुशीला ने बताया कि नगर रक्षक होना पाप नहीं हैं। सिरनाम हर बार शिकायत में यह उल्लेख करता हैं कि मेरी पत्नी का बलात्कार किया गया और कार्यवाही इसलिए नहीं होती की मैं नगर रक्षक हूं,ऐसा थोडी नही होता है कि किसी महिला का बलात्कार हो और पुलिस कार्यवाही नहीं करती है सिरनाम के सभी आवेदनों में लिखा होता है कि बलात्कार किया गया है मुझे जेल भेजा गया हैं मेरी जमीन पर कब्जा कर लिया गया,लेकिन किसी भी आवेदन में इस बात का ज़िक्र नही होती की उसकी पत्नी का किसने बलात्कार किया है,अब सिरनाम का मानसिक संतुलन सही हैं।
पिता भी परेशान हैं,आदतन शिकायतकर्ता हैं सिरनाम
बताया गया है कि सिरनाम की हरकतों से सिरनाम का पिता मर्दन परेशान रहता हैं,कई बार वह बामौरकलां थाने में मौखिक शिकायत कर चुका हैं कि सिरनाम मुझे परेशान करता हैं और उसे बंद कर दो,इस बात की पुष्टि बामौरकलां थाना प्रभारी पुनीत वाजपेयी ने की हैं। आज जनसुनवाई में किए गए पेटोल वाले सीन को क्रिएट किया गया था,जिस जमीन का मामला न्यायालय में जाकर फैसला हो चुका है प्रशासन इसकी क्या जांच कर सकता है वही महिला अपने साथ बलात्कार करने वालों के नाम भी नहीं बता रही हैं।