कोलारस। कोलारस कस्बे की जेल कॉलोनी में एक बीएससी फाइनल ईयर के छात्र का शव घर के कमरे में लटका हुआ मिला। छात्र शिवपुरी के कॉलेज में पढ़ाई कर रहा था। परिजनों का कहना है कि बीते रात युवक खाना खाकर दूसरे कमरे में जाकर सो गया था आज सुबह मां अपने सोए हुए बेटे को जगाने पहुंची तो उनकी चींख निकल गई। बेटे का शव मां की आंखों के सामने फांसी के फंदे पर लटका हुआ था।
जानकारी के अनुसार रन्नौद थाना क्षेत्र खरैह गांव का रहने वाला 20 वर्षीय दिलीप शाक्य पुत्र राजू शाक्य कोलारस कस्बे की जेल कॉलोनी में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहा था। दिलीप के साथ मां उसका एक छोटा भाई और एक बहन भी रहती थी। बीती रात दिलीप अपनी मां और भाई बहन के साथ खाना खाने के बाद दूसरे कमरे में अकेला जा कर सो गया था। सुबह दिलीप की लाश फांसी के फंदे पर लटकी हुई मिली। मौके पर पहुंची पुलिस थाना पुलिस ने दिलीप के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
दो बार हो चुका है लापता
दिलीप के परिजनों ने बताया कि दिलीप तीन.चार वर्ष पहले इंदौर में रहकर पढ़ाई कर रहा था जहां दिलीप का दिमागी संतुलन बिगड़ गया था। तीन साल पहले दिलीप इंदौर से लापता हो गया था और कई दिनों बाद दिलीप राजस्थान के कोटा में मिला था। इसके बाद से दिलीप गांव में ही रह कर अपनी पढ़ाई कर रहा था।
एक साल पहले दिलीप अपनी मांए भाई.बहन के साथ कोलारस कस्बे की जेल कॉलोनी में किराए का मकान लेकर रहने लगा था। फिर उसी साल दिलीप कोलारस से भी लापता हो गया था फिर पांच दिनों बाद वह शिवपुरी में मिला था।
पढ़ाई के लिए करता था मजदूरी
दिलीप के परिजनों ने बताया कि एक साल से दिलीप गुमसुम रहता था दिलीप पढ़ाई के साथ.साथ मजदूरी करके अपनी पढ़ाई का खर्चा निकाल लेता था। दिलीप की किसी से दोस्ती यारी भी नहीं थी दिलीप अपने आप में ही रहता था।
शरीर पर किसी ओर का था कंट्रोल
दिलीप के परिजनों ने बताया कि दिलीप के दिमाग में कुछ अलग ही चलता रहता था। वह कहता था ये शरीर मेरा और दिमाग किसी और काण्ण्दिलीप का कहना होता था कि उसके शरीर पर उसके दिमाग का कब्जा नहीं है उसके शरीर पर किसी दूसरे के दिमाग का कब्जा है।
कोलारस थाना प्रभारी मनीष शर्मा का कहना है कि दिलीप के शव का पोस्टमार्टम कराया गया है दिलीप के पास से कोई भी सुसाइड नोट भी नहीं मिला है मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।