शहर के झींगुरा प्राथमिक विद्यालय में 43 छात्र छात्राओं पर चार शिक्षक, फिर भी शिक्षा व्यवस्था ठीक नहीं- Shivpuri News

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शिवपुरी।
शहर के बीचों.बीच स्थित झींगुरा प्राथमिक विद्यालय में कहने के तो प्राचार्य सहित चार शिक्षक पदस्थ लेकिन इन चार शिक्षकों पर गौर किया जाए तो एक शिक्षक के पाच मात्र दो.तीन बच्चे ही उपस्थित नजर आए और यदि विद्यालय पंजीकृत छात्रों की संख्या पर भी ध्यान दिया जाए तो टोटल संख्या 43 ही शिक्षकों दर्ज बताई गई हैं।

इससे शिक्षा गुणवत्ता काफी अच्छी होना चाहिए लेकिन जब बच्चों शिक्षा के बारे जानकारी ली तो ठीक वह पुस्तक भी नहीं पढ़ सके। अब बात करते हैं जबकि स्कूल स्थल निरीक्षण किया तो प्राचार्य स्वयं भी उपस्थित नहीं थी मेडम मोहनी गुप्ता का कहना था कि प्राचार्य मेडम की डांढ में दर्द था इसलिए चली गई हैं।

वहीं दूसरी अन्य शिक्षिका अर्चना शिवहरे और जुमना देवी गिल मोबार्ईल चलाते हुए नजर आई और बच्चे विद्यालय गेट पर झूलते तथा गेट बाहर घूमते फिरते नजर आए। जब शिक्षिका से इन बच्चों के बारे जानकारी चाही गर्ई तो उनका कहना था आज शुक्रवार होने के कारण स्कूल में बच्चों की संख्या कम हैं।

विद्यालय में बच्चों को पीने का पानी भी नहीं था उपलब्ध

यदि गौर किया जाए तो शासकीय प्राथमिक विद्यालय झींगुरा में भले ही बच्चों संख्या पंजी में 43 दर्ज हो लेकिन यहा सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं हैं क्योंकि बच्चों को पीने का पानी तक उपलब्ध नहीं था। इतना ही नहीं बच्चियों को शौचालय में ताले झूलते नजर आए वहीं विद्यालय में दूसरी तरफ बाउन्ड्री बॉल भी पूरी तरीके से टूटी होने नागरिकों का भी आवागमन बना हुआ था और विद्यालय प्रांगण में सूअर विचरण करते हुए घूम रहे थे।

इससे साफ जाहिर होता है कि प्रधानमंत्री जी के स्वच्छता अभियान को भी खुले रूप से पलिता ल गाया जा रहा है। जब इस संबंध में प्राचार्य से चर्चा की तो उनका कहना था कि हमने काफी प्रयास किया लेकिन यहां आम लोग भ्रमण करने के लिए आते हैं इसलिए शौचालय में ताला डाल रखा है।

शासकीय नियमानुसार बच्चों की संख्या के आधार दो शिक्षक ही पदस्थ होना चाहिए

यदि गौर किया जाए तो प्राथमिक विद्यालय में प्राचार्य श्रीमती मीना ढींगरा के साथ शिक्षिका मोहनी गुप्ता, अर्चना शिवहरे, जमुना देवी गिल पदस्थ हैं लेकिन शासकीय नियमानुसार 30 बच्चों पर सिर्फ एक शिक्षक ही होना चाहिए।

लेकिन 43 शिक्षकों पर चार शिक्षक कैसे पदस्थ कर रखे हैंए जब इस संबंध शिक्षिका श्रीमती मीनाक्षी ढींगरा से चर्चा की तो उनका कहना था कि अभी एक शिक्षिका और नर्ई आ गर्ई हैं लेकिन अप्रैल माह में बच्चों की संख्या बढ़ा ली जाएगी। ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन क्या बच्चों की संख्या के आधार पर दो शिक्षिका का स्थानांतरण करके यहां कैसे पदस्थ कर दिया यह बड़ा सवाल हैं।

स्थानीय नागरिकों ने विद्यालय प्रांगण में ही खोल रखी हैं गंदे पानी की मोरी

यदि गौर किया जाए तो झींगुरा में प्राथमिक विद्यालय की स्थिति बहुत ही दयनीय बनी हुई हैं यहां दोनों तरफ से तो बाउन्ड्री बाल टूटी हुई हैं और गंदगी का भी यहां अम्बार लगा हुआ हौं। वहीं पास में ही रहने वाले नागरिकों ने नहाने धोने के पानी की मोरी भी स्कूल प्रांगण में ही खोल रखी हैं।

जब इस मोरी के बारे में प्राचार्य श्रीमती मीनाक्षी ढ़ीगरा से चर्चा की तो उनका कहना था कि हमने कई बार नगर पालिका में इसकी शिकायत की लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई हैै। ऐसी स्थिति में हम क्या करें जब निरीक्षण करने कोई अधिकारी आएगा तो हम इस समस्या से भी उन्हें अवगत करायेंगे।