शिवपुरी। देश के पड़ोसी देश चीन से कोरोना के कहर की खबरें आ रही हैं इन खबरों के कारण देश भी कोरोना को लेकर अलर्ट मोड पर है। इस रेड अलर्ट में शिवपुरी जिला भी एक्शन मोड पर आ गया हैं। जिले में पिछले कुछ माह से कोरोना के टेस्ट बंद थे लेकिन खबरों की आहट से शिवपुरी के अस्पताल में कोरोना का टेस्ट शुरू हो गया हैं।
फिलहाल RTPCR किट का स्टॉक निल होने की वजह से रैपिड किट से जांच शुक्रवार से ही शुरू की गई। जिला अस्पताल में मौजूद कोरोना वार्ड व आईसीयू में भी सामान्य दूसरे रोगों के मरीज अपना इलाज करवा रहे हैं। अभी सीएमएचओ के पास कोरोना को लेकर किसी तरह का कोई आदेश.निर्देश राजधानी से नहीं आने की बात उन्होंने कही।
कोरोना महामारी ने जहां एक तरफ चीन में हालात बिगाड़ दिए, वहीं भारत में भी उस वेरिएंट के मरीज मिलने से केंद्र सरकार ने आपात बैठक करने के साथ ही जरूरी एहतियात बरतने शुरू दी है। बाजार से लेकर घरों में भी एक बार फिर न केवल कोरोना को लेकर चर्चा शुरू हो गई,बल्कि दूसरी लहर के समय बने हालातों को भी लोग याद करने लगे है।
आज से ही लगी कोरोना टेस्टिंग में ड्यूटी
जिला अस्पताल में स्थित कोरोना सैंपलिंग कक्ष में पदस्थ नर्स रीना ने बताया कि मेरी ड्यूटी कोरोना टेस्टिंग में आज ही लगी है। और आज से ही हमने यह शुरू किया है। उन्होंने बताया कि सुबह से अभी तक सात लोगों की टेस्टिंग की है। यानी देश में जारी किए गए अलर्ट्स के बीच शिवपुरी जिला अस्पताल में भी आज से टेस्टिंग शुरू की गई।
RMO ने दी तैयारियों का जानकारी
जिला अस्पताल के आरएमओ डॉ. संतोष पाठक ने बताया कि हमारे पास कोरोना वार्ड में 50 आइसोलेशन बेड हैं, जबकि कोरोना आईसीयू में 11 बेड हैं। हमने सैंपलिंग शुरू कर दी है, तथा हम 24 घंटे इसे चालू रखेंगे। अभी कुछ कर्मचारी हड़ताल पर हैं जिसके चलते टेस्टिंग को पूरे समय तक चालू नहीं रख पा रहे हैं।
हमने स्टाफ को कह दिया है कि यदि किसी को लंबे समय से खांसी. जुकाम हो या फिर जो स्वेच्छा से टेस्टिंग करवाना चाहता है, तो उसकी सैंपलिंग की जाए। कोरोना से बचाव के लिए जरूरी नियमों का पालन करते हुए जागरूक रहें।
आरएमओ डॉ संतोष पाठक
किट नही हैं ग्वालियर तक आ गई हैं
सैंपलिंग में आरटी पीसीआर किट नहीं है, इसलिए वो शुरू नहीं हो पाई, किट ग्वालियर तक आ गई हैं। फिलहाल रैपिड किट से टेस्ट करवा रहे हैं। खांसी, जुकाम बुखार आदि होने पर सैंपलिंग करवाएं। सेनेटाइजर व मास्क का आदि का उपयोग करना शुरू कर दें।
डॉ पवन जैन, सीएमएचओ शिवपुरी
संविदा कर्मी हड़ताल पर वापस नहीं आए तो मुश्किल
इस मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि शोषण की नीति के खिलाफ संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर बैठे हैं। उनके हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवाओं में सीधे इफेक्ट देखे जा रहे है। ग्रामीण क्षेत्रों के लगभग 200 सीएचओ केन्द्र बंद पडे हैं,वही एक नियमित नर्स ने काम की प्रेशर में आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया है, पूर्व से ही उक्त नर्स डिप्रेशन का शिकार थी। अब अगर कोरोना ने अपनी आहट दे दी हैं अगर संक्रमण फैलता है तो संविदा कर्मियों को बहुत आवश्यकता होगी,लेकिन फिलहाल सरकार और संविदा कर्मी दोनों ही अपने हठयोग पर अड़े हैं,सरकार उनकी मांग नहीं मान रही और संविदा कर्मी काम पर वापस नहीं आ रहे हैं आगे संकट के रूप में कोरोना खडा हैं ऐसे में आगे हालात मुश्किल होते दिख रहे हैं।