शिवपुरी। सिद्धों को प्राप्त करने वाला सिद्धचक्र महामण्डल विधान है जिसका धर्मलाभ प्राप्त करने वाला ना केवल आयोजक परिवार बल्कि इस महायज्ञ में शामिल होने वाले प्रत्येक धर्मप्रेमी भी धर्मलाभ प्राप्त कर रहा है निश्चित ही घर-परिवार नहीं बल्कि संपूर्ण राष्ट्र में विश्व शांति महायज्ञ एवं रथयात्रा महोत्सव के रूप में सिद्धचक्र महामण्डल विधान को पूज्य माना जाता है इसलिए ऐसे आयोजन समाज को नई दिशा दिखाने वाले भी होते है अपने जीवन में हमेशा ऐसे कार्य करें जो दूसरों को भी धर्मलाभ प्राप्त करने वाले हों।
सिद्धचक्र महामण्डल विधान पर यह आर्शीवचन श्रीदिगम्बर जैन छत्री मंदिर परिसर में चार्तुमास कर रहे प्रसिद्ध मुनिश्री सुप्रभसागर जी महाराज ने जिनके सानिध्य में सिद्धचक्र महामण्डल विधान मंदिर परिसर में जारी है। श्रीसिद्धचक्र महामण्डल विधान के प्रतिष्ठाचार्य बा.ब्र.श्रीप्रदीप शास्त्री(पीयूष)जबलपुर के द्वारा विधि-विधान के साथ यह पूजन-कार्य कराया जा रहा है। विधान के महायज्ञ नायक श्रीमती कपूरीबाई-कन्हैया लाल जैन, यज्ञ नायक श्रीमती संपत देवी-जय कुमार जैन, श्रीमती सपना-ऋषभ कुमार जैन, श्रीमती कल्पना-अतुलकुमार, श्रीमती सविता-प्रदीप कुमार लाभार्थी परिवार है जिनके द्वारा समस्ज जैन समाज के लिए सिद्धों को प्राप्त करने वाला सिद्धचक्र महामण्डल विधान 01 नवम्बर से 09 नवम्बर तक मंदिर परिसर में किया गया है।
कार्यक्रम की शुरूआत प्रात: 6 बजे अभिषेक, शांतिधारा, नित्य नियम पूजन एवं विधानश्री 1008 सिद्धचक्र महामण्डल विधान के साथ होती है इसके बाद प्रात: 9 बजे विधान का सानिध्य प्रदान करने वाले चार्तुमास कर रहे प्रसिद्ध मुनिश्री सुप्रभगसार जी महाराज एवं मुनिश्री दर्शितसागर जी महाराज के मंगल प्रवचन होते है, दोप.3 बजे से स्वाध्याय शिविर एवं सायं 7 बजे से आरती व रात्रि 8 बजे प्रवचन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन निरंतर जारी है।