Shivpuri News- प्रदूषण एवं रेडिएशन के कारण श्रीराम कॉलोनी के लोगों का विरोध,लगने नहीं दिया तीसरा टावर

Bhopal Samachar
शिवपुरी
। अपने स्वार्थ में अंधे होकर अंधाधुंध तरीके से मोबाइल कंपनियां जन स्वास्थ्य की उपेक्षा करती हुईं घनी बस्ती में मोबाइल टॉवर लगा रही हैं। वह भी उस हद तक कि एक ही एरिये में 50 मीटर के क्षेत्र में 3.3 मोबाइल टॉवर हैं। लेकिन कल जनता के विरोध के सामने मोबाइल कम्पनी और खेत मालिक को नतमस्तक होना पड़ा। वार्ड क्रमांक 7 श्रीराम कॉलोनी में 50 मीटर के क्षेत्र में पहले से ही दो मोबाइल टावर लगे हुए हैं। इन मोबाइल टावरों के प्रदूषण और रेडिएशन से वहां रहने वाले अनेक लोग बीमार बने हुए हैं।

 शेख मुख्तत्यार अहमद तो हार्ट अटैक होने के बाद लकवा ग्रस्त भी हो चुके हैं। इसके बाद भी पहले से लगे मोबाइल टॉवर से मुश्किल से 10 मीटर दूर तीसरा मोबाइल टॉवर जब कल कंपनी और खेत मालिक ने लगाने का प्रयास किया तो मोहल्ले वालों ने एकत्रित होकर इसका विरोध किया। जिस पर मोबाइल टावर लगाने वालों ने कॉलोनी वासियों से अभद्र व्यवहार किया। त्रस्त होकर इसकी शिकायत कॉलोनी वासियों ने प्रदेश सरकार की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह नगर पालिका सीएमओ शैलेष अवस्थी और टीआई सुनील खेमरिया से की जिसके बाद नगर पालिका और पुलिस मौके पर पहुंची और उन्होंने टॉवर लगाने का काम बंद कराया।

कॉलोनी वासियों का कहना है कि नियमों के विपरीत उनकी गली में मुश्किल से 50 मीटर एरिया में दो मोबाइल टॉवर लगे हैं। जिसके कारण कॉलोनी के बहुत से लोग हृदय संबंधी बीमारी सिरदर्द आदि से परेशान बने हुए हैं। इस इलाके में चूकि दो मोबाइल टावर लगे हैं। इस कारण उस गली को मोबाईल टॉवर वाली गली कहा जाने लगा है। मोहल्ले में रहने वाले दिलीप अग्रवाल वीरेन्द्र राठौर अशोक कोचेटा शेख मुख्तत्यार आलोक शुक्ला रामसेवक गुप्ता मोहन वर्मा आदि का कहना है 

कि मोबाईल टावर लगने के बाद उनके मोहल्ले के अधिकांश लोग बीमारियों के शिकार हो रहे हैं और आए दिन उन्हें कोई न कोई बीमारी का सामना करना पड़ रहा है। कॉलोनी में रहने वाले शेख मुख्तत्यार हृदय संबंधी बीमारियों से पीड़ित होकर पैरालाइसिस के शिकार हो गए हैं। लेकिन इसके बाद भी आज किसी मोबाइल कम्पनी के कर्मचारी हिटैची लेकर गीता कुशवाह पत्नी राजकुमार कुशवाह निवासी श्रीराम कॉलोनी के खेत में पहुंचे और उन्होंने सर्वे नम्बर 21.22 में हिटेची से खुदाई करना शुरू कर दी। यह देखकर मोहल्ले वाले वहां एकत्रित हो गए और वाद विवाद की स्थिति बन गई। 

कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती देखकर मीडिया भी घटनास्थल पर पहुंच गई। पत्रकारों ने जब मोबाइल टावर लगाने वालों से सवाल जवाब किए तो वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। बल्कि अभद्र व्यवहार करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदूषण और विकिरण का इतना ही डर है तो अपना मोबाइल क्यों इस्तेमाल कर रहे हो। बाद में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मोबाईल टावर लगाने का काम बंद कराया। नगर पालिका ने भी श्रीमती गीता कुशवाह को नोटिस जारी किया है।

कम्पनी के कर्मचारी ने लगातार भ्रामक जानकारी दी
कॉलोनी वालों ने जब टॉवर लगाने का विरोध किया और कम्पनी के कर्मचारी दिलीप शर्मा से कागजात की मांग की तो उन्होंने लगातार भ्रामक जानकारी दी। कभी उसने कहा कि एयरटेल कंपनी का टॉवर है कभी इंडेक्स कंपनी तो कभी रिलायंस कंपनी का नाम लिया। वह कह रहे थे कि उनके पास कलेक्टर और नगर पालिका की अनुमति है। लेकिन उन्होंने कोई अनुमति नहीं दिखाई। जनता को यह धोंस देते रहे कि तुम पर शासकीय काम में बाधा डालने का मामला दर्ज करा दिया जाएगा।

पहले से लगे मोबाइल टावर की होगी जांच  नगर पालिका
नगर पालिका के अधिकारियों ने बताया कि अवैध रूप से खेत में मोबाइल टावर लगाने के लिए वह खेत मालिक को नोटिस देंगे। इस खेत में पहले से ही एक मोबाइल टावर लगा है। उसके भी कागजात खेत मालिक से लिए जाएंगे कि उसने टॉवर निर्माण की वैधानिक अनुमति ली है अथवा नहीं।

नगर पालिका और पुलिस टीम ने पहुंचकर रुकवाया काम
अवैध रूप से हो रहे मोबाइल टॉवर के निर्माण की सूचना मिलते ही मौके पर नगर पालिका की टीम पहुंच गई। जब उनसे मोबाइल टावर के निर्माण कार्य से संबंधित कागजात और गाइडलाइन मांगी गई तो ठेकेदार के पास कागजात नहीं थे। जबकि शहरी क्षेत्र में मोबाइल टॉवर निर्माण से पहले टेलीकॉम कम्पनी को नगर पालिका की परमिशन सहित एसडीएम व न्यायालय की परमिशन लेनी होती है। ऐसी स्थिति में मौके पर मौजूद ठेकेदार के पास इनमें से कोई भी दस्तावेज नहीं था। जिसके बाद नगर पालिका के कर्मचारियों ने मोबाइल टावर के निर्माण कार्य को रुकवा दिया