शिवपुरी दिवाली में भी खाली बैठे दुकानदार, बारिश ने फेर दिया उम्मीदों पर पानी- Shivpuri News

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शिवपुरी।
भारत के हिन्दी भाषी प्रदेश या उससे लगे हुए प्रदेशों में सबसे बडा बाजार दिपावली पर ही चलता हैं। बडी से बडी कंपनी और एक छोटा सा दुकानदार दीपावली के 3 से 4 माह पूर्व ही दीपावली पर बिक्री के लिए अपने अपने व्यवसाय के हिसाब से तैयारी करने लगता हैं। लेकिन इस बार अक्टूबर की शुरुआत में हुई तेज बारिश से दिवाली का बाजार की रौनक पर पानी फेर दिया। दिवाली का त्यौहार चार दिन शेष हैं लेकिन दुकानदार खाली बैठा हैं। सीधे शब्दों में कहे तो 80 प्रतिशत मार्केट औंधे गिर चुका हैं।

फसल पकने और काटने के समय जिले में तेज बारिश

फसल पकने के वक्त अक्टूबर की शुरुआत में लगातार बारिश होने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। खेत सूखने के बाद फसलें काटने पर किसानों को 80 प्रतिशत तक नुकसान सामने आ रहा है। कुछ जगह बीज काला पड़ने से भाव कम मिल रहे हैं। ऐसे में कई किसानों का कहना है कि उनकी लागत तक नहीं निकल पाई है। वहीं नदी व नाले किनारे के खेतों में बरसात का पानी भर जाने से पूरी फसल ही चौपट हो गई है। किसानों की फसल के साथ लागत भी डूब गई है।

यह आ रहा है इस बार फसल का गणित

किसान चंद्रपाल ने बताया कि 5 बीघा में 12 हजार रुण् का 1ण्50 क्विंटल सोयाबीन बीज बोया था। खाद 3 हजार रुण्ए टैक्टर भाड़ा 4 हजारए दवा 5000 रुण्ए कटाई 2 हजार सहित 26 हजार रुण् लागत आई। लेकिन उत्पादन मात्र 5 क्विंटल रहा जिसकी कीमत 20 हजार रुं है। फायदे की बजाय लागत के रूप में 6 हजार रु का नुकसान हो गया है। कुलाकर किसान के पास लागत भी नहीं आई उलटा नुकसान हुआ है अब किसान को आगे की फसल की तैयारी करनी हैं उसमें भी पैसा लग रहा हैं। इस कारण बाजार से रौनक गायब हैं।

रेडीमेड व्यवसाय भी औंधे मुंह गिरा

बताया जा रहा है कि फसल खराब होने के कारण रेडीमेड व्यापार पर सबसे अधिक असर पड़ा हैं। किसान फसल बेचने नहीं आया है जो आए है उन्होंने बाजार की ओर रूख नही किया अपनी फसल के मिले पैसे को वह खर्च न करते हुए अगली फसल के खर्चे के लिए सेविंग मोड में ले गया। शिवपुरी का आधे से अधिक बाजार किसानों की ताकत पर फलता फूलता है इसलिए फसलों के नुकसान से रेडीमेड बाजार पर सीधा असर हैं।

बर्तन बाजार को धनतेरस की आस

बर्तन बाजार में भी बर्तनों की चमक फिकी हैं। अब दुकानदारों को धनतेरस की आस हैं इसकी तैयारी भी उन्होने शुरू कर दी हैं। बर्तन विक्रेता ने बताया अधिकांश किसान धन तेरस से पूर्व ही बर्तन खरीद कर ले जाते है लेकिन फसलों को नुकसान के कारण ना के बराबर किसान आया था। धनतेरस पर 80 प्रतिशत से अधिक ग्राहक बाजार का आता है बाजार का ग्राहक केवल रस्म आयगी के लिए ही बर्तन खरीद कर ले जाता हैं। अब बाजार को आस केवल धनतेरस से लेकर दीपावली की दोपहर तक का ही हैं।

बाजार नहीं चले तो ज्वैलर्स की चमक रहेगी अधूरी

शिवपुरी के बाजार नहीं चले तो इस बार ज्वैलर्स की दुकानों पर असर पड़ने की संभावना हैं। दीपावली पर ज्वेलरी की बिक्री बाजार का ग्राहक खरीदना हैं। या यू कहलो व्यापारी सबसे ज्यादा सोना और चांदी खरीदते हैं बाजार कमजोर होने से व्यापारी उदास है इस कारण व्यापारी के पैर भी ज्वैलर्स की दुकानों की ओर नही जाऐंगें,केवल प्राइवेट नौकरी और सरकारी नौकरी करने वाले लोग ही ज्वैलर्स की दुकान पर जा सकते हैं।

पेंट वालों का भी बुरा हाल बारिश ने धो डाला व्यापार

अक्सर देखा गया है कि घर में पितृ पक्ष से पेंट का काम शुरू हो जाता हैं लेकिन इस बार पितृ पक्ष में बारिश उसके बाद नवदुर्गा में भी इंद्रदेव माता के चरण धोते रहे इसलिए पेंट का कारोबार कमजोर रहा है 15 अक्टूबर के बाद पेंट के काम में कुछ चढ़ाव आया है लेकिन उतना नहीं चला जिसकी उम्मीद रहती हैं। कुल मिलाकर 50 प्रतिशत पेंट का बाजार इस रहा हैं।

इलेक्ट्रॉनिक्स पर ऑनलाइन रहा भारी, बाजार में नही रौनक

इलेक्ट्रॉनिक्स के व्यापार पर सबसे अधिक असर आनलाइन कंपनियों ने दिया हैं। जो स्मार्ट ग्राहक है वह सभी ऑनलाइन वेबसाइट पर सर्च कर आइटम खरीद रहा हैं,उसे कंपनी ऑफर के लाचच भी दे रही हैं इसलिए इलेक्ट्रॉनिक्स का ग्राहक आनलाइन की ओर अधिक जा रहा ळैं इसका सीधा सीधा असर शिवपुरी के इलेक्ट्रोनिक्स बाजार पर पड़ा हैं।