शिवपुरी। जनसुनवाई में आज सेवडा गांव की छात्राएं साइकिल स्कूल से साइकिल न मिलने के कारण शिकायत करने जनसुनवाई में पहुंची,जहां कलेक्टर की अनुपस्थिति में डिप्टी कलेक्टर अंकुर गुप्ता छात्राओं के साथ आए पालको पर भड़क गए और मामला दर्ज कराने की धमकी दे डाली। बताया गया है कि छात्राओं ने इस मामले में चाइल्ड लाइन की भी हैल्प ली चाइल्ड लाइन के कार्यकर्ता भी डिप्टी कलेक्टर के गुस्से के शिकार हुए उन पर भी मामला दर्ज कराने की बात कही।
पहले समझा क्या है मामला
सेवड़ा हायर सेकेंडरी स्कूल सेवड़ा गांव की छात्राएं आज जनसुनवाई में पहुंची और आवेदन डिप्टी कलेक्टर अंकुर गुप्ता को सौंपा,इस आवेदन के अनुसार सेवड़ा गांव के 54 बच्चे जो 9वीं और 10वीं क्लास में पढते है वह प्रतिदिन 3 किलोमीटर चल कर स्कूल जाते हैं।
इस समस्या को देखते हुए स्कूली बच्चे काफी लंबे समय से साइकिल की मांग कर रहे थे। उनका कहना है कि हिम्मतगढ़ गांव में रहने वाली छात्राओं को साइकिल वितरित कर दी गई है। लेकिन अभी तक उन्हें साइकिल नहीं मिली हैं। इसी मांग को लेकर मंगलवार को 30 से अधिक छात्राएं अपने अभिभावकों के साथ कलेक्ट्रेट कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई में पहुंचे।
भड़क गए डिप्टी कलेक्टर
कलेक्टर सभागार में चल रहे जनसुनवाई में जैसे ही डिप्टी कलेक्टर के पास बच्चे पहुंचे तो बच्चों की भीड़ देख डिप्टी कलेक्टर भड़क गए। उन्होंने बच्चों के अभिभावकों से कहा कि आप बच्चों को लेकर यहां कैसे आ सकते हैं। उन्हें फटकार लगाकर कार्यालय से बाहर कर दिया और उन्हें चेतावनी दी कि अभी आप यहां से नहीं गए तो वह उन पर एफआईआर दर्ज करा देंगे।
आवेदन को बिना पढे ही भड़के अधिकारी
छात्राओं के आवेदन को बिना पढे ही सिर्फ बच्चो को देखकर डिप्टी कलेक्टर भडक गए। इस मामले में स्कूल प्रबंधन की कोई गलती और न ही बच्चों की,बताया गया है कि सेवड़ा का जो हाई स्कूल है उसका नया भवन बना है वह सेवडा के स्थान पर हिम्मतगढ़ बना हैं अब जब कागजो में साइकिल के लिए कागजी खानापूर्ति की जाती है तो सेवड़ा का स्कूल सेवडा गांव के बच्चे अपात्र हो जाते है और हिम्मतगण के बच्चे पात्र है इसलिए हिम्मतगण के बच्चों को साइकिल मिल गई और के बच्चे अपात्र हो जाते हैं।
लेकिन यह बात भी सही है कि स्कूल का नया भवन सेवड़ा हाई स्कूल का हिम्मत गण में है और सेवढ़ा से हिम्मतगण की दूरी 3 किमी हैं। सेवढा के बच्चे 3 किलोमीटर दूर जाते हैं अब शिक्षा विभाग को इस स्कूल का पता बदलना होगा उस स्थिति में सेवड़ा के बच्चों को साइकिल मिल सकती हैं।
क्या ऐसे व्यवहार शोभा देता है एक अधिकारी को
शासन की मंशानुसार जनसुनवाई का कार्यक्रम शुरू किया है कि जनसुनवाई के माध्यम से आवेदक अपनी समस्या का आवेदन देकर समस्या से निजात पा सके। डिप्टी कलेक्टर का कहना था कि पालको को पहले बात करनी थी लेकिन यह भी सच है कि ऐसे आवेदक भी आज कलेक्ट्रेट में देखे गए जो पूर्व में भी कई बार आवेदन दे चुके है लेकिन आज भी उनकी समस्या का निराकरण नहीं हुआ है,अब छात्राएं अपने पालको के साथ नहीं आएगी तो किसके साथ आऐंगी,अगर अधिकारी इसी तरह व्यवहार करते रहे तो इस कार्यक्रम से लोगों का विश्वास उठ जाऐगा। आम जनमानस अपनी समस्या लेकर इस कार्यक्रम में जाता है कि उसकी समस्या का निराकरण होगा अपना अपमान कराने नही।