माधव नेशनल पार्क शिवपुरी में आसानी से रह सकते हैं 28 बाघ, प्रोजेक्ट स्वीकृति के लिए भेजा: ग्राम सरकार से NOC मांगी- Shivpuri News

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शिवपुरी।
पर्यटन नगरी शिवपुरी में पर्यटन बढ़ाने के लिए टाईगर सफारी की स्वीकृति मिल चुकी हैं इस प्रोजेक्ट के तहत 3 बाघ लाए जा रहे हैं इसकी तैयारी भी शुरू हो चुकी हैं। इसी क्रम में शिवपुरी के नेशनल पार्क में टाइगर रिजर्व बनाने की कवायद भी तेज हो चुकी हैं,अगर सब कुछ सही रहा तो शिवपुरी के पार्क में भविष्य में 28 बाघ देखे जा सकते हैं। इसके लिए प्रस्ताव भी तैयार है जिसे नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड के सामने रखा जाएगा। यदि स्वीकृति मिली तो यहां 28 वाघों को नया घर मिल सकेगा।

किसी गांव का नहीं होगा अधिग्रहण आसपास रहेगा बफर जोन

राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व बनाने के लिए किसी भी गांव का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा और न ही किसी को विस्थापित किया जाएगा। हालांकि बाद में कोई परेशानी न खड़ी हो इसलिए
आसपास के गांव के सरपंचों से एनओसी पत्र लिए जा रहे हैं।

रिजर्व का जंगल दो हिस्सों में बंटा रहता है जिसमें कोर जोन मुख्य भाग होता है और यहां पर नियम भी कड़े होते हैं। यह क्षेत्र वाघों के मूवमेंट का मुख्य क्षेत्र होता है। आसपास का जंगल बफर जोन होता है जिसमें नियम शिथिल होते हैं। गांव के आसपास के जंगल बफर जोन में रहेंगे। इससे यहां से गांव के लिए जाने वाले रास्तों पर परेशानी नहीं होगी।

पर्यटकों को शिवपुरी तक लाने के लिए फ्री रेंज टाइगर लाना पर्याप्त नहीं होगा क्योंकि पहले से ही मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का तमगा मिला हुआ है और यहां सबसे अधिक वाघ हैं। इसलिए पर्यटक वाघ देखने के लिए किसी राष्ट्रीय उद्यान में जाने के बजाए टाइगर रिजर्व में जाना पसंद करते हैं।

इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि माधव राष्ट्रीय उद्यान टाइगर रिजर्व बने जिससे कूनो में चीतों को देखने आने वाले पर्यटक यहां भी आएं। कुछ समय पहले वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट द्वारा किए गए सर्वे में माधव राष्ट्रीय उद्यान को 28 वाघों को रहने के लिए अनुकूल माना गया है।