शिवपुरी। शहर के प्यासे कंठो की प्यास बुझाने वाली योजना सिंध जलावर्धन योजना पर फिर संकट के बादल मंडराने लगे है। लाइन के लगातार लीकेज होने के कारण अमृत योजना के तहत पाइप लाइन को बदलने के लिए 100 करोड़ रुपए के बजट का प्रस्ताव मप्र शासन को भेजा हैं। अब इसके लिए फिर से वही ABCD पढनी पडेगी, जिस कारण इस योजना का काम सालो रूका रहा, शहर को जल क्रांति जैसा आंदोलन खड़ा करना पड़ा था।
बताया जा रहा हैं कि पाइप लाइन बदलने के लिए मडीखेडा पर बने इंटकवेल से सतनवाड़ा फिल्टर प्लांट तक पाइप लाइन बदलना है। इन लाइन की लंबाई चौड़ाई ऐसी ही रहेगी जैसी पुरानी लाइन डाली जाऐगी। रास्ते में 2 रुकावट बडी है। एक माधव नेशनल पार्क की सीमा जिसमें पार्क सहित वाइल्ड लाइफ से अनुमति, दूसरी फोरलेन सड़क का निर्माण हो चुका है उससे भी अनुमति लेनी होगी। इस स्थिति में इस योजना फिर संकट के बादल मंडरा रहे है।
जैसा कि विदित है कि मडीखेडा इंटकवेल से फिल्टर प्लांट से सतनवाड़ा तक और फिल्टर प्लांट से शहर तक सिंध की पाइप लाइन डली है, जो प्रतिदिन लीकेज होती है। या यूँ कह लो अभी तक इस लाइन में सैकड़ों पंचर हो चुकी है। जिससे इस शहर की पेयजल सप्लाई ठप होने की खबरें समाचार पत्रों में भरी रहती है। कभी भी इतनी बडी टूट फूट हो सकती है कि इस योजना पर ही ग्रहण लग सकता है। नगर पालिका को भी इस लाइन पर भरोसा नहीं है इस कारण वह भी शहर में स्थित टयूववेल को बंद नही कर पर रहा हैं जिससे लाखों रुपए बिजली का बिल भरा जा रहा है।
ऐसी स्थिति में अमृत योजना के के फेज टू में इस लाइन को बदलने का प्लान है। शासन को 100 करोड़ रुपए का बजट का प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है। अमृत योजना के लिए इस बजट के लिए अधिक परेशानी नहीं आएगी, लेकिन लाइन को बदलने के लिए एनओसी का संकट खड़ा है। पार्क के अंदर काम करने के लिए वाइल्ड लाइफ की अनुमति आवश्यक हैं। पूर्व में भी इस एनओसी के लिए यह योजना बंद होने के कगार पर पहुंच गई थी। पूर्व में सिर्फ वाइल्ड लाइफ की वजह से परेशानी खडी हो गए थी अब सतनवाड़ा से शिवपुरी तक फोरलेन का भी निर्माण हो चुका है। अंडर गेट पास फोरलेन में अपने ROW में घुसने नहीं देगा।
इस प्रकार बदलेगी पाइप लाइन
बताया जा रहा हैं कि पहले नई पाइप को बिछाया जाएगा, उसके बाद पुरानी से कनेक्ट किया जाऐगा। जिससे शहर की पानी की सप्लाई बाधित नहीं होगी। इसलिए इस नई पाइप लाइन को सड़क किनारे से डालने का विचार है। अगर ऐसा होता है तो पार्क की सीमा में प्रवेश नहीं होगा और काम भी हो जाऐगा। अब केवल NHAI की NOC की आवश्यकता होगी।
अमृत 02 में यह काम होंगे
डीआई पाइप लाइन को बिछाने पर तकरीबन ₹68 करोड़ रुपए खर्च होंगे जबकि शहर में पानी की सप्लाई सिंध पाइप लाइन से ठीक से हो सके, इसके लिए 4 टंकी अभी बनाई जानी है। जिनमें कटमईए महावीर स्वामी मार्ग कोर्ट रोड, बीज गोदाम और पुरानी शिवपुरी स्थित सुभाष पार्क का हिस्सा शामिल है। यहां पानी की टंकी बनाए जाने पर तकरीबन 3 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इन टंकियों का बनाने का फायदा यह होगा कि ऊंचाई पर रहने वाले घरों में पानी ना पहुंचने की समस्या से लोगों को निजात मिलेगी।
इसके अलावा शहर के 158 किलोमीटर हिस्से में डिस्ट्रीब्यूशन लाइन बिछाई जाएगी। इसका सर्वे पहले किया जा चुका है। ऐसा हो जाने से शहर के चीलोद, सब्जी मंडी, शंकर कॉलोनी, नाई की बगिया सहित जहां पर अब तक डिस्ट्रीब्यूशन लाइन नहीं बिछाई है, वहां के वाशिंदों को पानी मिलने की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा।
अमृत 02 के तहत भेजा प्रस्ताव, अभी लग सकते हैं 4 महीने
फिलहाल 100 करोड़ रुपए का जो प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा गया हैए उसकी एसएलटीसी अर्थात राज्यस्तरीय तकनीकी परिषद से स्वीकृत आवश्यक है। इसके बाद ही नगर पालिका डीपीआर तय कर टेंडर करेगी। फिर परिषद में स्वीकृति के लिए प्रस्ताव जाएगा। परिषद में स्वीकृति मिलने के बाद वापस राज्य शासन के पास प्रस्ताव पहुंचेगा और फिर शासन से स्वीकृति मिलने के बाद यह अमल में आ सकेगा। कुल मिलाकर इस पूरी प्रक्रिया में 3 महीने से अधिक का समय लग सकता है, और इस काम की शुरुआत अब नए साल 2023 के जनवरी या फरवरी माह से पहले शुरू होने की संभावना बहुत कम हैं।
स्वीकृति के बाद होगा काम
सिंध जलावर्धन योजना के शेष काम के लिए अमृत.2 में तकरीबन 100 करोड़ के काम स्वीकृत हुए हैं। भोपाल में एसएलटीसी बैठक के बाद स्वीकृति मिलते ही जल्द काम शुरू हो जाएगा।
शैलेश अवस्थी, सीएमओ नगर पालिका शिवपुरी