शिवपुरी। शिवपुरी में 100 वर्ष पूर्व समाधि मरण करने वाले प्रसिद्ध जैन आचार्य विजय धर्म सूरीजी का 11 दिवसीय भव्य शताब्दी महोत्सव आज अनेक धार्मिक कार्यक्रमों के साथ प्रारंभ हुआ। आचार्य विजय धर्मसूरीजी की कुल परंपरा के आचार्य कुल रत्न सूरीजी और पन्यास प्रवर कुल दर्शन विजय जी महाराज साहब के सानिध्य में नगर के मुख्य मार्गो से शताब्दी महोत्सव के उपलक्ष्य में भव्य रथ यात्रा निकली जो नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई समाधि मंदिर व्हीटीपी स्कूल प्रांगण में पहुंची।
रथ यात्रा में विशेष रूप से गुजरात सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री कीरत सिंह राणा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। जिन्होंने समाधि भूमि पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं आचार्य विजय धर्म सूरीजी की समाधि को नमन करने के लिए शिवपुरी आया हूं। रथ यात्रा में नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती गायत्री शर्मा, राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त पूर्व विधायक प्रहलाद भारती, समाजसेवी महेन्द्र गोयल आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।
रथ यात्रा का शुभारंभ सुबह 9 बजे कोर्ट रोड़ स्थित पार्श्वनाथ श्वेताम्बर जैन मंदिर से नवकारसी के पश्चात हुआ। रथ यात्रा में मुम्बई से जैन श्वेताम्बर स्वयंसेवक मंडल का वैण्ड अपनी सुमधुर स्वर लहरी बिखेर रहा था। रथ यात्रा में शामिल लोग सिर पर साफा बांधे हुए थे और महिलायें केसरिया साड़ी पहनी हुई थी। रथ यात्रा में जैन संत और साध्वियों के अलावा आकर्षक झांकियां भी विद्यमान थी तथा रथ पर आचार्य विजय धर्मसूरीजी की प्रतिमा भी साथ में चल रही थी। स्थान-स्थान पर भक्तगणों ने प्रतिमा का पूजन किया और जैन संतों से आशीर्वाद लिया। रथ यात्रा का अनेक स्थानों पर भव्य स्वागत हुआ।
कोर्ट रोड़ से गांधी चौक, माधव चौक, सदर बाजार, कस्टमगेट होती हुई रथ यात्रा समाधि मंदिर व्हीटीपी स्कूल पहुंची। रथ यात्रा में गुजरात सरकार के मंत्री कीरत सिंह राणा भी चल रहे थे। समाधि मंदिर पर आचार्य कुलचंन्द्र सुरीजी महाराज की प्रेरणा से जीर्णोद्धार कार्य बड़े पैमाने पर चल रहा हैं जिनमें धर्मशाला, भोजन कक्ष, लाइब्रेरी, आर्ट गैलरी, साधू साध्वियों के उपाश्रय कक्ष, भव्य गेट आदि शामिल हैं
समाधि मंदिर पर रथ यात्रा के पहुंचने के बाद जैन संतों साध्वियों और श्रावक श्राविकाओं ने पहले जिन मंदिर के दर्शन किए इसके पश्चात नवीन संकुल का उद्घाटन कार्य संपन्न हुआ। इसके पश्चात समाधि मंदिर प्रांगण में गुरु पादुका पूजन का कार्यक्रम शुरू हुआ जिसमें वन मंत्री कीरत सिंह राणा ने अपना उदगार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं यहां समाधि भूमि को नमन करने और आचार्य कुलचन्द्र सुरीजी से यह आशीर्वाद लेने आया हूं।
जब तक मैं मंत्री रहूं तब तक जनसेवा के कार्य करूं अपने व्यक्तिगत कार्यों में न उलझूं। उन्होंने कहा कि आचार्य श्री के संपर्क में आने के बाद मेरे जीवन की दशा और दिशा बदल गई है। इसके पश्चात 100 परिवारों ने गुरु पादुका पूजन में भाग लेकर आचार्य विजय धर्म सूरीजी के प्रति अपनी श्रद्धा भक्ति को अभिव्यक्त किया।