शिवुपरी। पूरे 7 दशक के बाद भारत की जमी पर देश से विलुप्त प्राणी की श्रेणी में आने वाले चीतो ने मध्यप्रदेश की धरा पर कदम रख दिया है। बीते रोज कूनो नेशनल पार्क में पीएम मोदी ने चीता प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया हैं। बाडे में छोड़े गए चीते पहले तो डरे सहमे नजर आए और धीरे धीरे सामान्य होते नजर आ रहे हैं।
करीब एक घंटे तक वह बाडे़ में खड़े पेड़ के नीचे बैठे रहे। तीन घंटे बाद चीते ने बाड़े में बने हौद में पानी पिया। इसके बाद उन्हें फुर्ती आए और कुछ दूर छलांग भी लगाई। चार घंटे बाद उन्हें खाना (भैंसे का मीट) दिया गया। साढ़े चार घंटे में नामीबिया से चीतों को लेकर आई विशेषज्ञों की टीम ने तीन बार उनका चेकअप किया।
यहां बता दें, कि नामीबिया से भारत लाने के दौरान चीतों को खाली पेट रखा गया था। करीब 12 घंटे के सफर के बाद बोइंग 747 विमान से चीते ग्वालियर एयरपोर्ट पर पहुंचे। यहां से हेलीकॉप्टर से कूनाे लाए गए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 11.15 बजे चीतों को क्वारंटाइन बाड़े में छोड़ गया था। बाड़े में जान के बाद चीता करीब घंटे तक डरे-सहमे दिखाई दिए।
बाड़े में धूप होने के कारण वह एक पेड़ की छांव में बैठ रहे। करीब 2 घंटे यानी 2 बजे उन्होंने बाड़े में बने हौद में पानी दिया। पानी पीने के कुछ देर बाद उनमें हल्की फुर्ती आई। इसके बाद वह 2 चीतों ने बाड़े में कुछ समय दौड़ भी लगाई। इसके बाद टीम ने चीतों का चेकअप किया।
करीब 3.45 बजे चीतों को भैंसें का मांस दिया गया। बताया जाता है, कि चीतों ने 8 से 9 किलो ही मीट खाया था। विशेषज्ञों का कहना है, कि सफर में थकान के कारण अभी कम खाना खाया है। हालांकि तीन-चार दिन में चीते पहले की तरह खुराक लेंगे।