शिवपुरी। शिवपुरी की सबसे बड़ी पिपरसमा अनाज मंडी में किसानों ने मूंगफली के सही दाम न मिलने के कारण हंगामा कर दिया। किसानों का आरोप है कि व्यापारियों की ओर से कम भाव में योजनाबद्ध तरीके से मूंगफली खरीद रहे हैं, जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। किसानों के हंगामे को देख मंडी प्रबंधन को पुलिस को बुलाना पड़ा, तब कहीं जाकर हंगामा शांत हुआ।
व्यापारियों ने कम दामों में मूंगफली खरीदने की रची साजिश
शिवपुरी के पिपरसमा अनाज मंडी में आज सैकड़ों किसान मूंगफली की फसल बेचने के लिए पहुंचे थे। लेकिन जब मूंगफली के भाव लगाने व्यापारी पहुंचे, तो किसानों ने व्यापारियों पर कम भाव में मूंगफली खरीदने के आरोप लगा दिए, जिसके बाद व्यापारियों ने मूंगफली को नहीं खरीदा और वापस चले गए।
जिससे नाराज होकर किसानों ने अनाज मंडी में हंगामा कर दिया। किसानों का आरोप है कि व्यापारियों ने सांठ-गांठ कर उनकी मूंगफली के मिलने वाले दामों में भारी कटौती कर दी। जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा।
मंडी में मूंगफली की फसल लेकर पहुंचे चिटोरा निवासी किसान रमेश ने बताया कि वह अपनी मूंगफली की फसल को लेकर शिवपुरी की पुरानी मंडी पर पहुंचे थे। जहां मंडी प्रबंधन ने ऐलान कर दिया कि उन्हें अपनी मूंगफली की फसल पिपरसमा मंडी में ले जाना होगा, जब वह अपनी फसल को लेकर पहुंचे, तो व्यापारियों ने उनकी फसल का भाव प्रति क्विंटल एक हजार रुपए लगाया।
जबकि शिवपुरी शहर की पुरानी मंडी में बिते रोज तीन हजार से लेकर चार-हजार रुपए का भाव किसानों को मिला था। बिलोखला निवासी किसान देवेंद्र रावत का कहना है कि उनकी फसल को बहुत ही गिरे हुए दामों में खरीदने के लिए डाक की शुरुआत की गई थी।
जबकि इतने में उनका खर्चा भी नहीं निकल पा रहा है। किसान धर्मवीर राठौर का कहना है कि उनकी फसल को जानबूझकर नहीं खरीदा जा रहा है जिससे उनकी मूंगफली की गीली फसल सूख जाए इससे भी उन्हें घाटा होगा क्योंकि फसल धूप में रखी रखी सूख जाएगी।
करोड़ों की मंडी में नहीं है किसानों के लिए व्यवस्था
पिपरसमा मंडी में मुंगफली की फसल लेकर पहुंचे राजगढ़ निवासी किसान जितेंद्र शर्मा का कहना है कि इस अनाज मंडी को करोड़ों की लागत से बनाया गया था। जिले भर के किसानों को इस बात की खुशी थी कि यहां किसानों को रुकने से लेकर खाने-पीने तक की व्यवस्था की जाएगी, लेकिन सालों बाद भी पिपरसमा मंडी में पीने के लिए पानी तक की व्यवस्था नहीं की गई है।
यहां कैंटीन तो बनाई गई है, लेकिन उसे खोला नहीं जाता है। इसके साथ ही किसानों के विश्राम गृह के लिए भी व्यवस्था इस मंडी में की गई है। लेकिन विश्राम गृह में भी ताला लटका हुआ है। मंडी सचिव हरेंद्र राठौर का कहना है कि मुंगफली के भाव मे एकाएक गिरावट आई है। राजस्थान में मंडियों में हड़ताल जारी है, इससे भी भाव गिरे है। व्यापारियों ने विलो रेट पर मुंगफली को खरीदने के लिए डाक लगाई थी लेकिन किसान राजी नहीं हुए और उन्होंने हंगामा कर दिया।